राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार, छह नए चेहरे शामिल, दो पदोन्नत
दो विधायकों को कैबिनेट और 4 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इनके अलावा राज्यमंत्री बाबूलाल वर्मा और अजय सिंह किलक का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है।
जयपुर[नरेन्द्र शर्मा]। दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल शनिवार को कर दिया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में राजे ने छह नए चेहरों को शामिल किया है। दो राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। दो मंत्रियों अर्जुन लाल गर्ग और जीतमल खांट को बाहर कर दिया गया है।
वहीं, पांच विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लालबत्ती दी गई है। चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा से विधायक श्रीचंद्र कृपलानी एवं अलवर के बहरोड से विधायक डॉ. जसवंत यादव को केबिनेट मंत्री बनाया गया है। सीकर के खंडेला से विधायक बंशीधर बाजिया, जोधपुर के भोपालगढ़ से विधायक कमसा मेघवाल, बांसवाड़ा से विधायक धनसिंह रावत एवं डूंगरपुर के चोरासी से विधायक सुशील कटारा को राज्यमंत्री बनाया गया है। राज्यपाल कल्याण सिंह ने मंत्रियों को उनके पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले वसुंधरा मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले सभी विधायकों का भाजपा मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी की मौजूदगी में अभिनंदन किया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 27 अक्टूबर 2014 को मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। तब 15 नए मंत्रियों को शामिल किया गया था। दूसरा विस्तार करीब पांच महीने से लटका हुआ था। उधर, देर शाम मुख्यमंत्री ने पांच विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में शपथ दिलाई गई। इनमें शत्रुघ्न गौतम, नरेन्द्र नागर, ओमप्रकाश हुडला, धीमा भाई एवं कैलाश वर्मा शामिल हैं।
जाट, दलित, आदिवासी समुदाय को साधा
मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए राजे ने जाट, दलित और आदिवासी समुदाय को साधने की कोशिश की है। विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से भी मंत्रिमंडल में अब राजे सहित पूरे 30 मंत्री हो गए हैं। इस मंत्रिमंडल में अब 15 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री और एक स्वयं मुख्यमंत्री हैं। दिसंबर 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव की दृष्टि से इस विस्तार को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था और लंबे समय से इसकी कवायद चल रही थी।
शुक्रवार देर रात अचानक मुख्यमंत्री राजे ने सभी मंत्रियों को जयपुर पहुंचने के निर्देश दिए। राज्यपाल कल्याण सिंह जयपुर से बाहर थे और उन्हें शनिवार शाम तक जयपुर लौटना था, लेकिन उन्हें भी जल्दी बुलाया गया और दोपहर तीन बजे यह शपथ ग्रहण समारोह किया गया। पदोन्नत और नए बनाए गए मंत्रियों में से दो जाट, दो दलित और दो आदिवासी हैं। इनके अलावा एक मंत्री यादव समुदाय से है और एक अन्य मंत्री को क्षेत्रीय संतुलन और वरिष्ठता का लाभ मिला है।
पांच संसदीय सचिवों के चयन में युवाओं को प्राथमिकता दी गई है। नए मंत्रियों में से तीन राजस्थान के मेवाड़ अचंल से हैं। इसे राजस्थान की राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है और भाजपा ने सर्वाधिक सीटें इसी अंचल से जीती थीं। इसी तरह जाट और दलित वोट बैंक में कमजोर होती जा रही पकड़ को मजबूत करने के लिए दो मंत्री इस समुदाय से लिए हैं।
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