शिक्षक भर्ती घोटाला: ममता के भतीजे को नहीं मिली SC से राहत, CBI की जांच रहेगी जारी
Teacher Recruitment Scam ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है और बनर्जी के खिलाफ सीबीआई की जांच जारी रहेगी। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एजेंसी। Teacher Recruitment Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग के आदेश दिए थे, इसे ही रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया है। वह हाईकोर्ट के आदेश पर ही बरकरार रहे।
25 लाख के हर्जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सीबीआई की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अभी इस मामले में 10 जुलाई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट से अभिषेक बनर्जी को जुर्माने के संबंध में राहत मिली है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बनर्जी के खिलाफ 25 लाख का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना हाईकोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए लगाया गया था, हालांकि इस मामले में बनर्जी को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने HC की तरफ से लगाए 25 लाख के हर्जाने पर रोक लगा दी है।
SC ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अभिषेक बनर्जी की याचिका पर भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने कहा कि वह कोर्ट की छुट्टियों के बाद इस मामले की सुनवाई करेगी और मामले को 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है।
सीबीआई ने की थी नौ घंटे पूछताछ
न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां उनसे मामले में पूछताछ कर सकते हैं। मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने 20 मई को बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। वहीं, बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मांगा था कि एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए।
HC के आदेश के 24 घंटे बाद भेजा समन
टीएमसी नेता का नाम एक स्थानीय व्यवसायी और स्कूल नौकरी घोटाले के आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर की गई शिकायत के बाद सामने आया था। जिसके बाद बनर्जी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनके खिलाफ सीबीआई की जांच के आदेश को वापस लिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के 24 घंटे बाद ही सीबीआई ने उन्हें समन जारी कर दिया था।
कई बार ईडी के शिंकजे में आ चुके हैं बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे बनर्जी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी के नेता जो झुकने को तैयार नहीं थे उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मामलों में शामिल भाजपा नेताओं को खुला छोड़ दिया गया था। डायमंड हार्बर से दो बार के टीएमसी सांसद से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2021 में पूछताछ की थी, तो वहीं एजेंसी ने 2022 में कोलकाता में कोयला चोरी मामले में भी उनसे दो बार पूछताछ की थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, वहीं ईडी स्कूल भर्ती में कथित अनियमितताओं में शामिल धन के लेन-देन की जांच कर रही है।
साल 2014 का है मामला
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाला 9 साल पुराना है। यह घोटाला 2014 का है। इस घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता चटर्जी जेल में बंद हैं। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।