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आंध्र प्रदेश में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा

स्वतंत्रता दिवस पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भविष्य में राज्य को विशेष दर्जा देनी की उम्मीद जताई है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 03:13 PM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 03:13 PM (IST)
आंध्र प्रदेश में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा

अमरावती, एएनआइ। स्वतंत्रता दिवस पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भविष्य में राज्य को विशेष दर्जा मिलने की उम्मीद जताई है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को विजयवाड़ा इंदिरा गांधी नगर पालिका स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लिया है।सीएम ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया।इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें केंद्र से उम्मीद है कि आज नहीं तो भविष्य में  हृदय परिवर्तन होगा और राज्य में विशेष श्रेणी की स्थिति (SCS)का समझौता। बता दें कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज किए जाने को लेकर केंद्र से सिफारिश कर चुके हैं। 

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आंध प्रदेश  में कोरोना

आंध प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री ने तिरंगा फहराया है। देश में तीसरे नंबर पर यही राज्य प्रभावित है। राज्य में दो लाख 73 हजार 085  मामले सामने आ गए हैं। यहां 89 हजार 907 एक्टिव केस है। एक लाख 80 हजार 703 मरीज ठीक हो गए हैं और 2475 लोगों की मौत हो गई है।  

देशभर में मनाया जा रहा है स्वतंत्रता दिवस 

देश इस वक्त कोरोना संकट के बीच 74 वें स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भी आज लाल  किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और जनता हो संबोधित किया। देश कोने-कोने में एहतियात बरते हुए आज स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।  

इससे पहले सोशल मीडिया पर दी थी बधाई

गौरतलब है कि आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन से पहले ट्विटर पर स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था कि हमारे देश को अपने मूल्यों को बनाए रखने की जरूरत है। आइए देश की प्रतिष्ठा की रक्षा करने का संकल्प लें और इसकी प्रगति में योगदान दें। जय हिन्द।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके 14 महीने के शासन ने अब तक के संविधान में प्रस्तावना में निहित 'न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व' की शर्तों को सही अर्थ दिया। संविधान में निर्दिष्ट राज्य नीति और अनुच्छेद 38 (2) के निर्देशक सिद्धांतों के अनुरूप, राज्य सरकार ने मुख्य आधार के रूप में उच्च जातियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बीसी, अल्पसंख्यकों और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ कल्याणकारी योजनाओं की एक शुरूआत की।


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