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जयवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2022: भारत का ‘परफेक्ट टेन’ प्रदर्शन

सीसीपीआइ में देशों को चार श्रेणियों में काम के आधार पर रैंकिंग दी जाती है-नवीकरणीय ऊर्जा ऊर्जा उपभोग पर्यावरण नीति और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन। चारों श्रेणियों में अच्छा काम करने वाले देश शीर्ष रैंकिंग के पात्र होते हैं जो इस बार किसी को नहीं मिली है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 12:03 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 12:03 PM (IST)
जयवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक-2022: भारत का ‘परफेक्ट टेन’ प्रदर्शन
आइए देखें कि जलवायु परिवर्तन से जुड़ी यह अहम रिपोर्ट क्या कहती है:

नई दिल्‍ली, प्रेट्र। बीते दिनों ग्लासगो में काप26 सम्मेलन में विश्व में जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते हालात के गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के संकल्प को दोहराया। अब जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआइ) 2022 की रिपोर्ट में भी भारत के शानदार प्रदर्शन ने पीएम की प्रतिबद्धता पर मुहर लगा दी है। जर्मनवाच संस्था द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भारत दसवें स्थान पर मौजूद है जो काफी बेहतर प्रदर्शन है। आइए देखें कि जलवायु परिवर्तन से जुड़ी यह अहम रिपोर्ट क्या कहती है:

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कैसे होती है सीसीपीआइ में रैंकिंग: सीसीपीआइ को जर्मनवाच संस्था न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (सीएएन) के साथ मिलकर जारी करती है। जर्मनवाच 1991 से वैश्विक समानता और आजीविका के संरक्षण के लिए काम करती है जबकि सीएएन 130 देशों की करीब 1,500 सिविल सोसायटी का नेटवर्क है। भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में औसत प्रदर्शन के अलावा बाकी श्रेणियों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। नवीकरणीय ऊर्जा में नार्वे सबसे बेहतर रहा है।

लगातार तीसरी बार शीर्ष दस में हम: यह लगतार तीसरा साल है जब भारत सीसीपीआइ में शीर्ष दस देशों में स्थान बनाने में सफल रहा है। इस बार की रिपोर्ट में वह दसवें स्थान पर है। बीते साल भी वह इसी स्थान पर था और सीसीपीआइ 2020 में वह दसवां स्थान हासिल करने सफल रहा था। कहा जा सकता है कि इस बार की रिपोर्ट में भारत सातवें स्थान पर है क्योंकि शीर्ष तीन स्थान पर कोई नहीं है।

पीछे रह गए अमेरिका और चीन: विश्व में सर्वाधिक प्रदूषण करने वाले चीन और अमेरिका इस रैंकिंग में बहुत पीछे हैं। चीन 37वें स्थान पर है जबकि अमेरिका 55वें स्थान पर। चीन इस बार चार स्थान फिसला है क्योंकि पिछली रैंकिंग में वह 33वें स्थान पर था। जी20 समूह के अन्य देश जर्मनी और फ्रांस की रैंकिंग क्रमश: 13वीं और 17वीं है। विश्व के देशों के इस प्रतिष्ठित समूह जी20 के ग्यारह देशों ने इस रैंकिंग में खराब प्रदर्शन किया है। सऊदी अरब का प्रदर्शन जी20 देशों में सबसे खराब है।

2014 से लगातार हो रहा भारत की स्थिति में सुधार: सीसीपीआइ में साल 2014 के बाद से भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। पुरानी रिपोर्ट के आकलन से पता चलता है कि 2014 में भारत का सीसीपीआइ में 31वां स्थान था, जो अगले साल बेहतर होकर 25वां स्थान हो गया। 2016 में भारत ने फिर पांच स्थान की छलांग लगाई और 20वें स्थान पर पहुंच गया। 2017 में देश का प्रदर्शन और बेहतर रहा तथा वह 14वें स्थान पर काबिज हुआ। 2018 में भारत को 11वां व 2019 में नौवां स्थान इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में मिला।

सूचकांक में शुरू के तीन स्थान खाली: सीसीपीआइ 2022 में विश्व का कोई भी देश रैंकिंग के लिए जरूरी चार श्रेणियों में समग्र रूप से बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका इसलिए इस तालिका में पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर कोई भी देश नहीं है। चौथे स्थान पर डेनमार्क, पांचवें स्थान पर स्वीडन, छठे स्थान पर नार्वे और सातवें स्थान पर यूनाइटेड किंगडम है। आठवां स्थान मोरक्को और नौवां स्थान चिली को मिला है।


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