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पंजाब की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को मिला देश के सबसे स्वच्छ विश्वविद्यालयों में पहला रैंक

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि को छोड़ दें तो स्वच्छ संस्थानों की रैकिंग से यूपी और बिहार पूरी तरह से गायब रहे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 02:12 AM (IST)
पंजाब की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को मिला देश के सबसे स्वच्छ विश्वविद्यालयों में पहला रैंक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के सबसे स्वच्छ विश्वविद्यालयों में पंजाब के दो विश्वविद्यालयों ने बाजी मारी है। इनमें से पहले नंबर पर पटियाला स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और दूसरे नंबर पर अमृतसर स्थित गुरुनानक देव विवि को चुना गया है। दोनों ही विवि का चयन सरकारी आवासीय विश्वविद्यालयों की श्रेणी में किया गया है।

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स्वच्छ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में कुल पांच विश्वविद्यालयों का चयन

इस श्रेणी में कुल पांच विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है। इस श्रेणी में जो तीन और विवि है, उनमें तीसरे स्थान पर दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, चौथे स्थान पर आंध्र प्रदेश स्थित डा बीआर अंबेडकर विवि और पांचवे स्थान पर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित मनोनमनियम सुंदरानार विवि शामिल है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2019 की जारी की रैकिंग 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को विवि और कालेजों की स्वच्छता को लेकर 2019 की रैकिंग जारी की है।

स्वच्छ उच्च शिक्षण संस्थानों की रैकिंग प्रक्रिया में 69 सौ संस्थानों ने लिया हिस्सा

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे जारी करते हुए बताया कि इस अभियान में कुल 69 सौ संस्थानों ने हिस्सा लिया था। इनमें संस्थानों का चयन आठ अलग-अलग श्रेणियों में किया गया है। इनमें सरकारी आवासीय विवि श्रेणी, आवासीय निजी विवि श्रेणी (यूजीसी) गैर-आवासीय निजी विवि श्रेणी (यूजीसी), आवासीय कालेज श्रेणी, गैर-आवासीय कालेज श्रेणी आदि शामिल है।

संस्थानों की स्वच्छता रैकिंग में भागीदारी लगातार बढ़ी

गौरतलब है कि संस्थानों की स्वच्छता रैकिंग में संस्थानों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। 2017 मे इसमें कुल 32 सौ संस्थानों ने लिया था, जबकि 2018 में इनमें 61 सौ संस्थान शामिल हुए थे।

स्वच्छ संस्थानों की रैकिंग से यूपी के एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि शामिल

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि को छोड़ दें, तो स्वच्छ संस्थानों की रैकिंग से उत्तर प्रदेश और बिहार पूरी तरह से गायब रहे। खासकर सरकारी विवि की श्रेणी में इनके एक भी विवि जगह नहीं बना पाए है। यह स्थिति तब है, जब अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 75 विवि है, इनमें करीब 34 राज्य विवि है और छह केंद्रीय विवि है।


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