डस्टबिन से कचरा निकालने का भी प्रबंध नहीं
पहाड़ी तहसील में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात हर मंच पर कही जाती है, लेकिन पूरी तहसील तो दूर की बात कस्बे में भी आज तक प्रशासन ने सफाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किए हैं। ऐसे में करीब पांच हजार आबादी वाले इस कस्बे में सफाई की व्यवस्था
संवाद सूत्र, बनी। पहाड़ी तहसील में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात हर मंच पर कही जाती है, लेकिन पूरी तहसील तो दूर की बात कस्बे में भी आज तक प्रशासन ने सफाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किए हैं। ऐसे में करीब पांच हजार आबादी वाले इस कस्बे में सफाई की व्यवस्था भगवान भरोसे है।
कस्बे में तहसील के मुख्य बाजार सहित दर्जनों कार्यालय और व्यस्त बस अड्डा है, जहां प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में कस्बे से प्रतिदिन काफी मात्रा में कचरा निकलता है,जिसको ठिकाने लगाने की फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पूरे कस्बे में जहां-तहां कचरे का ढेर फैला रहता है, जिसको हटाने के लिए कोई पहल नहीं करता है। हालांकि कई बार स्कूली विद्यार्थियों ने कस्बे में अभियान चलाकर सफाई की और लोगों को इसे साफ-सुथरा रखने के लिए प्रेरित भी किया, लेकिन इस अभियान के एक दो दिन बाद फिर से कचरे के ढेर दिखने लग जाते हैं। बार-बार मांग करने पर एनएचपीसी द्वारा कस्बे में पांच मुख्य स्थानों पर डस्टबिन तो लगाए गए, लेकिन इसमें इकट्ठा होने वाला कचरा कौन हटाएगा,इसकी न तो लोगों को कोई जानकारी है और न ही प्रशासन इसके लिए कोई प्रबंध किया है।
स्थानीयवासियों ने अपने प्रयास से एक माह पूर्व दो सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था की है, जो कस्बे के मुख्य स्थानों को साफ करने के बाद वहां का कचरा सेवा दरिया में फेंक रहे हैं, जिससे यह प्रदूषित हो रहा है। कस्बे में पर्यटकों के लिए विकसित किया जाने वाला दरिया भी अब गंदगी की चपेट में है। लोगों ने प्रशासन से कस्बे से निकलने वाले कचरे को ठिकाने लगाने का उचित प्रबंध करने की मांग की है।