नागरिकता विवाद में टीआरएस विधायक का चुनाव खारिज
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के वेमुलावाड़ा (करीमनगर जिला) से विधायक सी रमेश बाबू का चुनाव खारिज कर दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि रमेश ने भारतीय नागरिकता के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के वेमुलावाड़ा (करीमनगर जिला) से विधायक सी रमेश बाबू का चुनाव खारिज कर दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि रमेश ने भारतीय नागरिकता के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
रमेश बाबू 2009 में तेदेपा के टिकट पर वेमुलावाड़ा से चुनाव जीते थे। 2010 में वह टीआरएस में शामिल हो गए और उप चुनाव में फिर से जीत हासिल की। 2009 में रमेश बाबू से 1,800 मतों से पराजित होने वाले कांग्रेस नेता ए श्रीनिवास ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जर्मनी की नागरिकता रखने वाले रमेश ने गलत सूचना देकर भारतीय नागरिकता हासिल की। याची के मुताबिक रमेश बाबू ने नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता के लिए अर्जी दी थी। इसके मुताबिक भारत में 12 महीनों तक निवास करने वाला व्यक्ति ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। रमेश ने करीमनगर कलेक्टर के यहां नागरिकता के लिए 31 मार्च, 2008 को दी गई अर्जी में कहा था कि वह 22 जनवरी, 2007 से भारत में रह रहे हैं। श्रीनिवास ने इस तथ्य को फर्जी बताया था। रमेश ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। जर्मन महिला से शादी करने वाले रमेश 1976 से जर्मनी में रह रहे हैं, जबकि 1993 को उन्हें वहां की नागरिकता मिली थी।
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