Citizenship Amendment Bill लोकसभा में पेश होने से पहले पूर्वोत्तर में प्रदर्शन
आज लोकसभा में Citizenship Amendment Bill पेश होने से पहले पूर्वोत्तर में प्रदर्शन हो रहा है।
गुवाहाटी, प्रेट्र : Citizenship Amendment Bill नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) के विरोध में पूर्वोत्तर के राज्यों में जगह-जगह प्रदर्शन हुए। असम,अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में छात्रों समेत विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। इन्हें डर है कि बिल के पारित होने से उनके राज्यों में बाहरी लोगों की बाढ़ आ जाएगी। वहीं, असम के मुख्यमंत्री ने छात्रों से प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेने की अपील की है।
प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के चाबुआ और वित्त मंत्री हेमंत विस्व सरमा के गुवाहाटी स्थिति आवासों के सामने जमा हुए। हाथों में तख्ती लिए छात्रों ने दोनों नेताओं से बिल का विरोध करने की अपील की। आल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने अपने मुख्यालय से टॉर्च रैली निकाली। यूनियन की तरफ से नलबारी, दिमाकुची, उदलगुरी जिलों और लखीमपुर में भी इस तरह की रैलियां निकाली गईं। तिनसुकिया में बंद रखा गया। कई जगह लोगों ने नंगे बदन होकर प्रदर्शन किया तो कहीं तलवार लेकर प्रदर्शन करने लोग सड़कों पर उतरे। मंत्रियों के खिलाफ कई जगह नारेबाजी भी की गई।
मुख्यमंत्री सोनोवाल और सरमा ने छात्रों से लोगों के बहकावे में नहीं आने की अपील की है। दोनों नेताओं ने कहा कि राज्य विरोधी ताकतें विभिन्न समुदायों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही हैं।
मणिपुर में प्रदर्शन तेज करने का एलान
मणिपुर में भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ। बिल का विरोध कर रहे संगठन के नेता दिलीप ने कहा कि सोमवार सुबह से विरोध को और तेज किया जाएगा। उन्हें डर लग रहा है कि इस बिल के कानून बन जाने से उनके यहां दूसरे देश से आए लोगों की बाढ़ आ जाएगी और उनकी पहचान खत्म हो जाएगी।
अरुणाचल में बंद का एलान
बिल के विरोध में अरुणाचल प्रदेश में भी विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को बंद का एलान किया है। रविवार को सड़कों पर उतरे छात्रों ने लोगों से बंद में शामिल होने का आह्वान किया है। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को सुबह पांच बजे से शाम चार बजे तक का बंद रखने का एलान किया है।
बेंगलुरु में भी प्रदर्शन
पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी सामाजिक कार्यकर्ताओं, सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य संस्थानों से जुड़े लोगों ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बिल में मुस्लिमों को शरण देने की बात नहीं की गई है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
बता दें कि केंद्र सरकार सोमवार को इस बिल को संसद में पेश कर सकती है। इस बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आने वाले गैर मुस्लिम लोगों को शरण देने का प्रावधान किया गया है, इनमें हिंदू, पारसी, सिख, जैन, ईसाई और बौद्ध शामिल हैं।