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सीआइआइ ने कहा- सैलरी का इंतजाम नहीं होने पर बढ़ जाएगी देश में बेरोजगारी

कोविड-19 के चलते उत्पादन ठप रहने से औद्योगिक इकाइयों के पास श्रमिकों को अप्रैल से जून तक की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 08:41 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 02:15 AM (IST)
सीआइआइ ने कहा- सैलरी का इंतजाम नहीं होने पर बढ़ जाएगी देश में बेरोजगारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। औद्योगिक संगठन सीआइआइ ने सरकार से तत्काल प्रभाव से 15 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज देने की मांग की है। यह राशि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.5 फीसद के बराबर है। इससे पहले सरकार 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज दे चुकी है।

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सीआइआइ ने कहा- श्रमिकों को सैलरी देने का इंतजाम नहीं होने पर बेरोजगारी बढ़ जाएगी

सीआइआइ के मुताबिक लॉकडाउन के बाद श्रमिकों को सैलरी देने का इंतजाम नहीं होने पर बेरोजगारी बढ़ जाएगी। वहीं, प्रवासी श्रमिकों को रोकने के लिए तत्काल रूप से उनके खाते में पैसे डाले जाने की आवश्यकता है। औद्योगिक संगठन के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में 47.9 करोड़ लोगों को मदद की आवश्यकता है। इनमें से 12 करोड़ लोग कैजुअल श्रमिक है। 6.5 करोड़ लोग अपना खुद का छोटा-मोटा काम करते है। 4.8 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें नियमित वेतन तो मिलते हैं लेकिन उन्हें पेड छुट्टी या सामाजिक सुरक्षा की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

औद्योगिक इकाइयों के पास अप्रैल से जून तक की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं: सीआइआइ

सीआइआइ के मुताबिक कोविड-19 की वजह से उत्पादन ठप रहने और आगे भी इस प्रकार के अनुमान को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों के पास अप्रैल से जून तक की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं।

सीआइआइ ने की मोदी सरकार से 2 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग

संगठन की तरफ से कर्मचारियों की सैलरी के इंतजाम के लिए सरकार की तरफ से 2 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की गई है। ऐसा नहीं होने पर उद्यमी कर्मचारियों को सैलरी देने में सक्षम नहीं होंगे जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी।

प्रवासी श्रमिकों के खाते में पैसे डालने से काम पर लौटने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं

सीआइआइ ने सरकार से घर की ओर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के खाते में पैसे डालने के लिए 2 लाख करोड़ के पैकेज देने की मांग की है। संगठन का मानना है कि प्रवासी मजदूरों के खाते में पैसे जाने पर वे अपने काम पर लौटने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

सीआइआइ ने की एमएसएमइ की क्रेडिट गारंटी सीमा को भी बढ़ाने की मांग

औद्योगिक संगठन ने एमएसएमइ की क्रेडिट गारंटी सीमा को भी बढ़ाने की मांग की है। सड़क, पोर्ट, रेलवे व औद्योगिक पार्क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम में तेजी लाने के लिए सीआइआइ ने 4 लाख करोड़ रुपए के पैकेज घोषित किए जाने की मांग की है। पिछले 10 दिनों से औद्योगिक संगठन सरकार के दूसरे राहत पैकेज का इंतजार कर रहे हैं। 


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