आधार के अभाव में सूचना नहीं देना कानून का उल्लंघन : सीआइसी
अधिकारी ने खरीदे गए उपहार और सीएमडी द्वारा किए गए खर्च संबंधी सूचना मुहैया नहीं कराई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आधार कार्ड के अभाव में सूचना देने से मना करना आरटीआइ अधिनियम के तहत अधिकार की गारंटी का उल्लंघन है। केंद्रीय सूचना आयोग ने इसे आवेदक को प्रताड़ित किया जाना माना है। आयोग ने आवास एवं शहरी विकास कारपोरेशन (हुडको) में तत्कालीन आरटीआइ अधिकारी को अधिकतम जुर्माना किया है। अधिकारी ने खरीदे गए उपहार और सीएमडी द्वारा किए गए खर्च संबंधी सूचना मुहैया नहीं कराई थी।
विश्वास भांबुरकर ने वर्ष 2013 से 2016 के दौरान हुडके के चेयरमैन और प्रबंधनिदेशक के एएसआइएडी गांव में सरकारी आवास की मरम्मत आदि पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा था। इसके साथ ही कोष से उपहार पर हुए खर्च, सरकारी आवास के बिजली बिल और सीएमडी एवं अन्य को किए गए भुगतान की जानकारी भी देने को कहा था।
सीपीआइओ डीके गुप्ता ने पांच अगस्त 2016 को पत्र लिखकर भांबुरकर से आधार कार्ड, मतदाता पहचान कार्ड या पासपोर्ट मांगा था। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा, सीपीआइओ का कदम कानूनी तौर पर सही नहीं ठहरता है। वह सूचना देने से इन्कार करने को न्यायसंगत ठहराने में भी विफल रहे।
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