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एनसीईआरटी किताबों में नेताजी, विवेकानंद पर कम हुई सामग्री

सीआईसी ने पूछा, 12वीं की पुस्तक में विवेकानंद पर सामग्री महज 37 शब्दों में ही क्यों?

By Manoj YadavEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2016 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2016 09:38 PM (IST)
एनसीईआरटी किताबों में नेताजी, विवेकानंद पर कम हुई सामग्री

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों पर स्कूली किताबों से सामग्री कम करने के लिए एनसीईआरटी की खिंचाई की है। साथ ही उसे इन फैसलों की वजहों का स्वतः खुलासा करने को कहा है।

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अपने आदेश में आयोग ने एनसीईआरटी को यह बताने के लिए कहा कि कक्षा 12वीं की इतिहास की किताब से स्वामी विवेकानंद पर 1230 शब्दों की सामग्री को क्यों 37 शब्दों में ही सीमित कर दिया गया है? जबकि आठवीं की किताब से यह पूरी तरह हटा दी गई।

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु के समक्ष जयपुर के सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने एक याचिका दाखिल की है। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों में प्रख्यात हस्तियों और क्रांतिकारियों को शामिल नहीं किए जाने की आलोचना की।

सिलसिलेवार आरटीआई और लोक शिकायत आवेदनों में राजावत ने दावा किया है कि एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में 36 राष्ट्रीय नेताओं सहित चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्लाह खान, बटुकेश्वर दत्त, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों पर कोई सामग्री ही नहीं है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राजावत सूचना आयोग पहुंचे।

सीआईसी के समक्ष सुनवाई के दौरान राजावत ने कहा कि 2007 के पहले एनसीईआरटी की कक्षा आठ की किताब में नेताजी पर 500 शब्द और कक्षा 12वीं की किताब में 1250 शब्द की सामग्री थी। अब 12वीं की किताब में यह महज 87 शब्दों में है जबकि आठवीं में उनका कोई जिक्र ही नहीं है।


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