छत्तीसगढ़ में चर्च तोड़फोड़ मामले में 7 गिरफ्तार, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों के एलान के बाद छत्तीसगढ़ में चर्च पर हुए हमले को केंद्र सरकार ने गंभीरता ले लिया है।
नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों के एलान के बाद छत्तीसगढ़ में चर्च पर हुए हमले को केंद्र सरकार ने गंभीरता ले लिया है। हमले की जानकारी मिलने के तत्काल बाद गृहमंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। सरकार दोषियों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराना चाहती है ताकि इसे राजनीतिक तूल न दिया जा सके।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली में चर्चो पर हमले की कई घटनाएं सामने आईं थी। जिसे विपक्ष ने मुद्दा बनाया था। बाद में यह जरूर साफ हो गया कि इन हमले के पीछे कोई सोची-समझी साजिश नहीं थी। लेकिन इससे भाजपा को दिल्ली में राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ गई। इसी तरह बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दादरी में गोमांस को लेकर अखलाक की हत्या के राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया और इसे मोदी सरकार के असहिष्णुता से जोड़कर देश-विदेश में उछाला गया।
केंद्र सरकार को आशंका है कि छत्तीसगढ़ में हुई घटना को विपक्षी दल राजनीतिक मुद्दा बना सकते हैं और इसके सहारे असहिष्णुता पर नई बहस छेड़ सकते हैं। यही कारण है कि सरकार दोषियों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहती है।
छत्तीसगढ़ में चर्च पर हमला, महिलाओं और बच्चों की पिटाई का आरोप
केंद्र के रूख को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार भी इस मामले में सतर्क हो गई है। त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बताया जाता है कि चर्च को सार्वजनिक जमीन पर बनाया गया था, जिसका गांव के कुछ लोग विरोध कर रहे थे। चर्च में तोड़फोड़ के पीछे असली वजह यही है। लेकिन राज्य सरकार ने आरोपियों की गिरफ्तारी कर साफ कर दिया है कि किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।