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नरम पड़ रहे चीन के सुर, चीनी राजदूत ने कहा, भारत-चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं

चीनी विदेश मंत्री ने सीमा पर भारत के साथ स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई तो अब भारत में चीन के राजदूत ने मतभेदों को बातचीत के जरिए मिटाने पर जोर दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:04 PM (IST)
नरम पड़ रहे चीन के सुर, चीनी राजदूत ने कहा, भारत-चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं
नरम पड़ रहे चीन के सुर, चीनी राजदूत ने कहा, भारत-चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं

नई दिल्ली, एएनआई। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच चीन के सुर अब नरम होते दिखाई पड़ रहे हैं। पहले चीनी विदेश मंत्री ने सीमा पर भारत के साथ स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई तो अब भारत में चीन के राजदूत ने मतभेदों को बातचीत के जरिए मिटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाइनीज ड्रैगन और भारतीय हाथी एक साथ नृत्य कर सकते हैं। बता दें कि 5 मई से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनावपूर्ण माहौल बनाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में चीन नाकाम साबित हो रहा है।

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हमें रिश्तों को प्रगाढ़ करना है: चीनी राजदूत

भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग (Sun Weidong) ने कन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स मीट को संबोधित करते हुए भारत और चीन के रिश्तों को प्रगाढ़ करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने मतभेदों को अपने रिश्तों पर हावी नहीं होने देना चाहिए। हमें इन मतभेदों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहिए। विडोंग ने आगे कहा कि चीन और भारत कोविड-19 के खिलाफ साझी लड़ाई लड़ रहे हैं और हम पर अपने रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की जिम्मेदारी है।

ड्रैगन और हाथी एक साथ नाच सकते हैं: विडोंग

चीनी राजदूत ने सम्मेलन में मौजूद युवाओं को भारत और चीन के रिश्तों को समझने का आह्वान करते हुए कहा कि हम एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को चीन और भारत के रिश्ते को महसूस करना चाहिए। दोनों देश एक-दूसरे के लिए अवसरों के द्वार हैं, न कि खतरों के। उन्होंने कहा कि ड्रैगन और हाथी, एक साथ नृत्य कर सकते हैं।

बता दें कि एलएसी पर जारी तनाव के बीच भारत ने कभी उकसावे की बात नहीं की, लेकिन मंगलवार को खबर आई कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है। दरअसल, चीन के विस्तरवाद की केंद्र में उसकी दबाव की नीति है। वह कमजोर पड़ोसियों को कभी कर्ज देकर फंसाता है तो कभी अपनी ताकत की नुमाइश कर डराता है। वहीं, भारत जैसे टक्कर के देशों पर सैन्य दबाव बनाने की कोशिश करता है। हालांकि, इस कोशिश में वह लगातार अपनी भद्द पिटवा रहा है। डोकलाम के बाद अब लद्दाख में भी ऐसा ही कुछ होता दिख रहा है।


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