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ताइवान को लेकर नेक नहीं हैं चीन के इरादे, जाहिर की अपनी मंशा, युद्धाभ्‍यास को लेकर दिया यह बयान

चीन ने हाल के दिनों में ताइवान के पास सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया। इस बारे में चीन का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास द्वीप की औपचारिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली ताकतों को ध्‍यान में रखकर किया गया है। पढ़ें चीन का पूरा बयान...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 03:59 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 04:05 PM (IST)
ताइवान को लेकर नेक नहीं हैं चीन के इरादे, जाहिर की अपनी मंशा, युद्धाभ्‍यास को लेकर दिया यह बयान
ताइवान को लेकर चीन के इरादे नेक नजर नहीं आ रहे हैं।

बीजिंग/ताइपे, रायटर। ताइवान को लेकर चीन के इरादे नेक नजर नहीं आ रहे हैं। हाल ही में चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने ताइवान को युद्ध की धमकी दी थी और कहा था कि चीन किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यही नहीं हाल के दिनों में ताइवान के वायुक्षेत्र में चीनी विमानों की घुसपैठ भी बढ़ गई है। यही नहीं ताइवान के पास चीन ने सैन्य अभ्यास को भी अंजाम दिया है। इस बारे में चीन का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास द्वीप की औपचारिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली ताकतों को ध्‍यान में रखकर किया गया है।

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दुनिया के तमाम मुल्‍कों खासकर पड़ोसी देशों में अमन-चैन को बाधित करने वाले चीन का कहना है कि यह युद्धाभ्‍यास शांति की रक्षा के लिए एक 'न्यायसंगत' कदम है। चीन ने यह भी कहा कि इस सैन्‍य अभ्यास का उद्देश्य बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को रोकना है। दरअसल चीन ताइवान पर अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है। दोनों देशों के बीच बीते 40 वर्षों से जारी तनाव सबसे खराब स्थिति में है।

बीजिंग में एक नियमित समाचार ब्रीफिंग में बोलते हुए चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता मा शियाओगुआंग ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में दोनों देशों के बीच तनाव का कारण ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) की विदेशी ताकत के साथ मिलीभगत और ताइवान की स्वतंत्रता की मांग को लेकर उकसाया जाना है। चीन का सैन्‍य अभ्यास इसी मिलीभगत को चुनौती देने की मंशा से किया गया है।

मा शियाओगुआंग (Ma Xiaoguang) ने कहा कि चीन ने यह सैन्‍य अभ्‍यास ताइवान को अमेरिकी समर्थन के एक अप्रत्यक्ष संदर्भ में किया गया है। इसका मकसद अलगाववादी गतिविधियों की रोकथाम और देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के साथ-साथ ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता की रक्षा करना है। यह कार्रवाई पूरी तरह से उचित है।

सनद रहे कि हाल ही में चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि निश्‍चिततौर पर ताइवान को चीन से मिलाना होगा। इसके बाद ताइवान की राष्‍ट्रपति साई इंग वेन ने कहा कि चीन के ताइवान को अपने संग मिलाने के किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। 


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