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अरुणाचल से सटे इलाकों में चीन की बढ़ रही गतिविधियां, पूर्वी कमांडर बोले- निपटने के लिए योजना तैयार

पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) ने कहा कि हमने एलएसी (LAC) और डेप्थ एरिया में सर्विलांस बढ़ा दी है। किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए हमारे पास हर क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 12:52 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 02:05 PM (IST)
अरुणाचल से सटे इलाकों में चीन की बढ़ रही गतिविधियां, पूर्वी कमांडर बोले- निपटने के लिए योजना तैयार
हमारे पास हर क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध है।

रूपा (अरुणाचल प्रदेश), पीटीआइ। चीन ने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर से सटे अपने गहन इलाकों में सैन्य अभ्यास और तैनाती बढ़ा दी है। इसको लेकर पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारत ने पूर्वी क्षेत्र में किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए योजना तैयार की है। हमारे पास हर क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध है। पैट्रोलिंग पैटर्न न तो बढ़ा है और न ही ज्यादा बदला है, कुछ क्षेत्रों में मामूली वृद्धि हुई है।

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भारत के समग्र सैन्य आधुनिकीकरण का लेखा-जोखा देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने यह भी कहा कि इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (आइबीजी) नामक नए युद्ध संरचनाओं को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है जो अधिक प्रभावी दृष्टिकोण के साथ किसी भी हमले का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहेगा। आइबीजी में अलग-अलग फील्ड के माहिर जवान होंगे। इसमें पैदल सैनिक, टैंक, वायु रक्षा, और लाजिस्टिक यूनिट सहित सभी फील्ड के सैनिक एक साथ काम करेंगे। आईबीजी को सबसे पहले पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा ।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि भारत औऱ चीन दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कभी-कभी कुछ समस्याएं पैदा करता है। उन्होंने कहा कि नए बुनियादी ढांचे के विकास के बाद सैनिकों की तैनाती में वृद्धि हुई है। भारत ने कई कदम उठाए हैं और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण एलएसी के करीब निगरानी बढ़ाना है। हमारे पास किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल उपलब्ध हैं। हम अभ्यास कर रहे हैं और विभिन्न आकस्मिकताओं का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं।

चीन द्वारा विभिन्न सीमा समझौतों और प्रोटोकाल का उल्लंघन करने पर लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने संकेत दिया कि इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में दोनों पक्षों के बीच एक चौथी हाटलाइन सक्रिय की गई है। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ने के साथ भारत ने बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के अलावा लगभग 3,400 किलोमीटर एलएसी पर सैनिकों की कुल तैनाती बढ़ा दी है।

सेना इजराइली निर्मित हेरान ड्रोन के बेड़े का उपयोग करके क्षेत्र में एलएसी पर दिन और रात की निगरानी भी कर रही है। इसके साथ ही कमांड और कंट्रोल सेंटरों को महत्वपूर्ण डेटा और चित्र भेज रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के साथ-साथ भारतीय सेना की विमानन शाखा भी इस क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकाप्टर रुद्र को तैनात किया है, जिससे इस क्षेत्र में अपने सामरिक मिशनों को और अधिक मजबूती मिल रही है। इसके अलावा सरकार क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के निर्णय के तहत तवांग को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने पर भी काम कर रही है।


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