Move to Jagran APP

हृदय रोगियों के लिए वरदान बने चीनी वैज्ञानिक, रॉकेट तकनीक से बना डाला कृत्रिम दिल

वैज्ञानिकों द्वारा इस कृत्रिम हृदय को बनाने में रॉकेट प्रणाली की मैग्नेटिक और फ्लुइड लेवीटेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 11:51 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 12:28 PM (IST)
हृदय रोगियों के लिए वरदान बने चीनी वैज्ञानिक, रॉकेट तकनीक से बना डाला कृत्रिम दिल
हृदय रोगियों के लिए वरदान बने चीनी वैज्ञानिक, रॉकेट तकनीक से बना डाला कृत्रिम दिल

नई दिल्ली (जेएनएन)। चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कृत्रिम हृदय तैयार किया है जो रॉकेट तकनीक पर आधारित है। दरअसल, वैज्ञानिकों द्वारा इस कृत्रिम हृदय को बनाने में रॉकेट प्रणाली की मैग्नेटिक और फ्लुइड लेवीटेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

loksabha election banner

चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन के अंतर्गत आने वाली चाइना एकेडमी ऑफ लांच व्हीकल टेक्नोलॉजी और टेडा इंटरनेशनल कार्डियोवैस्कुलर हॉस्पिटल ने मिलकर इस हृदय को तैयार किया है। फिलहाल इसका परीक्षण किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक परीक्षण के सफल होने पर हृदय रोगियों के लिए यह वरदान साबित होगा।

रॉकेट तकनीक वाला दिल

मैग्नेटिक एंड फ्लुइड लेवीटेशन तकनीक के जरिए कृत्रिम हृदय में पंपिंग प्रक्रिया को सहज करके घर्षण को कम किया जा सकेगा। इससे यह बेहतर तरीके और अधिक समय तक काम कर सकेगा। इसमें मौजूद ऊर्जा स्रोत भी अधिक समय तक सक्रिय रहेगा। इसके जरिए रक्त को पहुंचने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा और मानव शरीर में रक्त परिसंचरण प्रक्रिया के लिए पंप अधिक समय तक काम करेगा।

खत्म होगी आयात पर निर्भरता

चीन को अभी कृत्रिम हृदय आयात करने पड़ते हैं। ऐसे में एक हृदय 1.52 लाख डॉलर का पड़ता है। अगर चीन खुद ही कृत्रिम हृदय बनाने लगे तो इससे उसकी कीमत भी कम हो जाएगी। ज्यादा से ज्यादा हृदय रोगी उसका लाभ उठा सकेंगे।

जल्द होगा इंसानों पर प्रयोग

2013 में वैज्ञानिकों ने मानव निर्मित हृदय को एक भेड़ में लगाया था। वह अच्छी सेहत में 120 दिन जीवित रही। इसके बाद हृदय को छह अन्य भेड़ों में लगाया गया। सभी भेड़ सौ से अधिक दिन जीवित रहीं। अब वैज्ञानिक इस तकनीक पर कुछ और परीक्षण कर रहे हैं। उम्मीद है कि 2020 से पहले इसका इंसानों पर प्रयोग शुरू हो जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.