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चीन और पाकिस्तान चाहते हैं CPEC परियोजनाओं में अन्य देशों का साथ, भारत ने कहा- तीसरे पक्ष की भागीदारी को हम अपने अनुसार करेंगे नियंत्रित

भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (pok) से होकर गुजर रहे अरबों डालर के आर्थिक गलियारे संबंधी परियोजनाओं में अन्य देशों को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों को लेकर चीन और पाकिस्तान की निंदा की।

By Babli KumariEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2022 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2022 12:45 PM (IST)
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची। (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली,एजेंसी। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजर रहे अरबों डॉलर के आर्थिक गलियारे संबंधी परियोजनाओं में अन्य देशों को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों को लेकर मंगलवार को चीन और पाकिस्तान की निंदा की। विदेश मंत्रालय (ME) के अनुसार,सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं में भाग लेने वाले तीसरे देशों के बारे में रिपोर्टें देखी हैं,जो सीधे भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करती हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत इस प्रकार की गतिविधियां 'स्वाभाविक रूप से अवैध,अनुचित और अस्वीकार्य’हैं।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार, भारत ने 'तथाकथित सीपीईसी में परियोजनाओं का लगातार विरोध किया है, जो कि भारतीय क्षेत्र में हैं और जो पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।' बागची ने आगे कहा-'भारत ऐसी गतिविधियों को अवैध,नाजायज और अस्वीकार्य मानेगा,क्योंकि वे स्वाभाविक रूप से अवैध हैं।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने CPEC में तीसरे देश की भागीदारी के संबंध में मीडिया की पूछताछ का जवाब देते हुए कहा- 'हमने तथाकथित सीपीईसी परियोजनाओं में तीसरे देशों की प्रस्तावित भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर रिपोर्टें देखी हैं।'

उन्होंने कहा,'किसी भी पार्टी द्वारा इस तरह की कोई भी कार्रवाई सीधे तौर पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है।'

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय (JWG-ICC) पर  सीपीईसी संयुक्त कार्य समूह (JWG) की तीसरी बैठक शुक्रवार,22 जुलाई को वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी। इस दौरान चीन और पाकिस्तान ने आर्थिक गलियारे का हिस्सा बनने में दिलचस्पी रखने वाले अन्य देशों को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया। 

क्या है सीपीईसी परियोजना?

2015 में चीन ने पाकिस्तान में 46 बिलियन अमरीकी डालर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना की घोषणा की,जिसमें से बलूचिस्तान एक अभिन्न अंग रहा है।

CPEC चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' का एक हिस्सा है,जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशिया के तटीय देशों में देश के ऐतिहासिक व्यापार मार्गों को नवीनीकृत करना है। यह अरब सागर पर बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह को चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ेगा। इसमें चीन और मध्य पूर्व के बीच संपर्क में सुधार के लिए सड़क,रेल और तेल पाइपलाइन लिंक बनाने की योजना भी शामिल है।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बीजिंग ग्वादर बंदरगाह और गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करने के लिए CPEC का उपयोग कर रहा है। 2010 के बाद से गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी की खबरें आती रही हैं। यह माना जाता था कि 2010 में इस क्षेत्र में कई चीनी सैनिक सड़क संपर्क सुरक्षित करने और लगभग दो दर्जन सुरंगों सहित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण करने के लिए मौजूद थे। सीपीईसी की घोषणा के तीन साल बाद इस क्षेत्र में चीन की उपस्थिति बढ़ी। चीनी मेगा परियोजनाएं गिलगित-बाल्टिस्तान के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव दिखा रही हैं जिससे अनियंत्रित प्रदूषण और जलीय पारिस्थितिक तंत्र की अपरिवर्तनीय कमी हो रही है।


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