स्कूलों में बच्चे रहेंगे निरोग, आयुर्वेद विभाग ने किया ये निर्णय
विभागीय कर्मी सरकारी स्कूलों में योग सिखाने के साथ वजन भी जांचेंगे...
शिमला (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को निरोग रखने के लिए योग करवाया जाएगा। इसके लिए आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक सभी सरकारी स्कूलों में जाएंगे और वहां बच्चों को योग सिखाएंगे। इतना ही नहीं इस दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सक स्कूली बच्चों का वजन भी जांच करते रहेंगे। ताकि कुपोषण जैसी बीमारी के लक्षण सामने आने पर उन्हें पौष्टिक आहार दिया जा सके। आयुर्वेद विभाग द्वारा तैयार योजना के तहत एक वर्ष में प्रदेश के 15 हजार स्कूलों को लिया जाएगा। शुरुआत में इसे कुछ ही स्कूलों में शुरू किया गया है।
विभाग द्वारा इस दौरान बच्चों का रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा जिसमें उनकी स्वास्थ्य की जानकारी रहेगी। इसके लिए चारों जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पहले चरण में बिलासपुर, चंबा, कुल्लू और मंडी में स्थित आयुर्वेदिक अस्पतालों में यह योजना शुरू की जा रही है। प्रदेश में 25 आयुर्वेदिक अस्पताल और 1204 स्वास्थ्य केंद्र है। इनमें तैनात आयुर्वेदिक अधिकारियों को योग का प्रशिक्षण दिया गया है। यह स्कूलों में जाकर बच्चों को योग का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में भी बताएंगे।
एनएचएम ने भी शुरू की है योजना
स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य जांचने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा भी बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना शुरू की गई है, लेकिन कुछ दिन पहले गाड़ियों की सुविधा न मिलने के कारण यह योजना काफी धीमी गति से चल रही है।
आयुर्वेद में योग का काफी महत्व है, इसलिए अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को योग भी सिखाने की योजना तैयार की गई है ताकि देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चे निरोग रह सकें। -डॉ. दिनेश शर्मा, ओएसडी, आयुर्वेद निदेशालय।