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सीमा पर तैनात महिलाओं की हिम्मत को देश के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सराहा

जस्टिस बोबडे ने तैनात महिलाओं से काफी देर तक बातचीत की और ऐसे विषम हालात में होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी जुटाई।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 11:34 PM (IST)
सीमा पर तैनात महिलाओं की हिम्मत को देश के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सराहा
सीमा पर तैनात महिलाओं की हिम्मत को देश के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सराहा

जोधपुर, जेएनएन। देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे गुरुवार को चार दिवसीय यात्रा पर जैसलमेर पहुंचे। पहले दिन वे सीमा की तनोट पोस्ट पर सर्द रात में डटे सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों से मिले और यहां के हालात पर चर्चा की। यहां तैनात महिलाओं को देख वह बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि महिलाएं भी देश की सीमाओं की रक्षा करने में पुरुषों के कंधे से कंधा मिला रही हैं।

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तनोट माता मंदिर की आरती में शामिल हुए जस्टिस बोबडे

जस्टिस बोबडे ने तैनात महिलाओं से काफी देर तक बातचीत की और ऐसे विषम हालात में होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी जुटाई। इस मौके पर वे यहां स्थित तनोट माता मंदिर में आरती में भी शामिल हुए। तनोट सीमा चौकी पर बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

गुरुवार को उनके यहां पहुंचने पर उनका सिविल एयरपोर्ट पर राजस्थान हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सतीश शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा, कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग ने स्वागत किया । मुख्य न्यायाधीश और उनके साथ आए परिवार के सदस्य यहां के विभिन्न दर्शनीय स्थलों का अवलोकन कर रहे हैं।


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