नोटबंदी एक भयानक फैसला था, मैं वित्तमंत्री रहा होता तो पद छोड़ देता : चिदंबरम
शनिवार को टाटा स्टील कोलकाता लिटररी मीट में चर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी को गलत तरीके से लागू किया गया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी एक भयानक फैसला है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी की जल्दबाजी थी। इस नीति के कारण देश की जीडीपी वृद्धि को कम से कम एक फीसद का नुकसान होगा। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की 80 फीसद इकाइयां नोटबंदी के कारण बंद हो चुकी हैं।
शनिवार को टाटा स्टील कोलकाता लिटररी मीट में चर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी को गलत तरीके से लागू किया गया। मुझे लगता है कि इस विषय पर ऐसे किसी व्यक्ति से सलाह लेनी चाहिए थी, जो मौद्रिक नीति के विषय में जानता हो। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तीन सबसे महत्वूपर्ण अधिकारियों वित्त सचिव, बैंकिंग सचिव व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बीते 70 दिनों में एक शब्द भी नहीं बोला है। यह साबित करता है कि या तो उनसे सलाह नहीं ली गई और अगर सलाह ली गई तो वे सहमत नहीं हैं।
चिदंबरम ने दावा किया कि पूर्व आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी के प्रस्ताव के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच पन्नों का नोट भेजा था। वहीं रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाइवी रेड्डी के बयान पर सहमति जताते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार के नोटबंदी के फैसले ने आरबीआइ की स्वायत्तता पर सवालिया निशान लगा दिया है। नोटबंदी की सिफारिश आरबीआइ की ओर से होने के बजाय सरकार ही आरबीआइ को नोटबंदी का सुझाव दे रही है।