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छत्तीसगढ़ : आत्मसमपर्ण करने वाले नक्सलियों ने सुनाई आपबीती

शनिवार को पुलिस अधीक्षक कोण्डागावं अभिषेक मीणा के सामने माओवादी कंपनी नंम्बर 6 के सदस्य फूल सिंह पिता बज्जू कोर्राम साकिन आदनार 8 लाख का इनामी एंव बयानार जनमिलिशिया सदस्य रमोली पति गोविन्द नेताम साकिन मडानार थाना बयानार ने आत्मसमर्पण किया ।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2015 06:32 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2015 07:06 PM (IST)
छत्तीसगढ़ : आत्मसमपर्ण करने वाले नक्सलियों ने सुनाई आपबीती

रायपुर । शनिवार को पुलिस अधीक्षक कोण्डागावं अभिषेक मीणा के सामने माओवादी कंपनी नंम्बर 6 के 8 लाख के इनामी फूल सिंह पिता बज्जू कोर्राम साकिन आदनार एंव बयानार जनमिलिशिया सदस्य रमोली पति गोविन्द नेताम साकिन मडानार थाना बयानार ने आत्मसमर्पण किया ।

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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली फूल सिंह पिता बज्जू कोर्राम सक्रिय नक्सलियों ने बताया कि नक्सलीे विचारधारा से भटककर इनमें पैसे कमाने व हिंसा की प्रवृति बढ़ी है एंव बड़े नक्सली लीडरों में विलासता की प्रवृति बढ़ गई है। बड़े नक्सली कमाण्डर स्थानीय लीडर पर दबाव बनाकर पुलिस पर हमला करने हेतु उकसाते है व गांव के युवकों को जो पुलिस के प्रति जुड़ना चाहते हैं उनकी हत्या करवाने हेतु प्रेरित करते है। माओवादियों केे द्वारा की जाने वाली वसूली का एक बड़ा हिस्सा बड़े नक्सली कमाण्डर अपने साथ ले जाते हैं लोकल संगठन चलाने के लिए जितने पैसे दिये जाते है, वह अपर्याप्त होता है।

वर्तमान में गांव के लोगों में भी नक्सली विचारधारा को लेकर काफी मतभेद उभरकर सामने आए है और ग्रामीण भी खुलकर नक्सलियों का विरोध कर रहे हैं व नक्सली भी बंदूक के दम पर ग्रामीणों का शोषण कर रहे है कोई भी ग्रामीण नक्सली संगठन से जुड़ने को तैयार नहीं है। नक्सली संगठन में महिलाओं का शोषण आम बात है। नक्सली आजकल शोषण के लिए ही ज्यादातर महिलाओं की भर्ती पर जोर दे रहे है जिससे ग्रामीण युवक आकर्षित होकर नक्सली संगठन से जुड़ सके ।


नक्सली फूल सिंह पिता बज्जू कोर्राम, ने बताया कि आंन्ध्रप्रदेश के बडे नक्सली कमांडर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र मे कई बड़ी नरसंहार जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं एवं जब उनको अपनें पारिवारिक जीवन यापन करना होता है तो आंध्र प्रदेश में जाकर बड़ी रकम के लालच मेंं सरेंडर कर देते हैं। फूल सिंह पिता बज्जू कोर्राम साल 2009 में मर्दापाल एलओएस कमांडर कोसा सलाम द्वारा अपने सेक्सन के सदस्यों के लिये चावल, दाल एवं सब्जी गांव से एकत्र कराने के लिए फूल सिंह को ग्रामीण स्तर पर संगठन में भर्ती किया, जहां इसे कुछ दिनों बाद ग्राम गर्दापाल में 15 दिनों का प्रशिक्षण देकर इसे डिव्हीसी मेम्बर सूधीर साकिन जो आंधप्रदेश का निवासी था उसे गार्ड बना दिया गया ।

6 माह तक गार्ड का काम करने के बाद इसे वापस एलओएस में शामिल कर लिया गया एक साल तक लगातार कोसा के साथ कार्य करता रहा। इसके बाद फूल सिंह के द्वारा स्वयं से कंपनी में इच्छा जाहिर करने पर कोसा ने इसे 6 नम्बर कंपनी में शामिल करा दिया जहां इसे 12 बोर की बंदूक दी गई थी। 7 महीने बाद ही यह फिर से गोलवण्ड एलओएस में वापस आ गया एवं गोलावण्ड एलओएस कमाण्डर रैजु लोहर के सहयोगी के रूप में कार्य करने लगा । साल 2009 से 2015 तक नक्सली संगठन में रहकर नक्सलियों के राष्ट्र विरोधी विभिन्न घटनाओं में सम्मिलित रहा।

आन्ध्रप्रदेश के नक्सलियों के द्वारा माहाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के नक्सलियों को संगठन का हवाला देते हुए नसबंदी करा देते हैं तथा स्वय नसबंदी नहीं कराते है, उनके द्वारा छत्तीसगढ़ से संगठन के नाम से करोड़ों का चंदा वसूली कर अपने पास रख लेते हैं। कोई भी वारदात करते समय आन्ध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडर छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को सामने करते है, और वे पीछे रहते है, ताकि पुलिस फायरिंग के दौरान किसी प्रकार की क्षति हो तो छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की हो वे सुरक्षित रहे।

आन्ध्रप्रदेश के नक्सली कमांडरों द्वारा छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र आदिवासी नक्सली सदस्यों के साथ भेदभाव करने से त्रस्त होकर एवं पुलिस द्वारा लगातार दबाव बनाये जाने से तथा परिवारिक जीवन यापन करने के उदे्श्य, शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर फुलसिंग द्वारा पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया है।


आत्मसमर्पित महिला नक्सली रमोली नेताम बयानार जनमिलिशिया सन् 2005 में नक्सली कमाण्डर मंगतु आंध्र प्रदेश के द्वारा इसे बहकाकर संगठन में शामिल किया था । इस दौरान वर्ष 2005 से वर्तमान तक गांव में रहकर ही नक्सलियों का सहयोग करती रही, इस दौरान इसे बडे नक्सली लिडरों द्वारा कुछ घटनाओं में जबरन शामिल किया गया । बाद नक्सली विचारधारा से त्रस्त होकर इसने अपने पति गोविन्द जो वर्तमान में आत्मसमर्पण कर सामन्य जीवन व्यतित कर रहा है उसके संपर्क में रहकर समाज की मुख्यधारा से जुडने एवं आम जीवन व्यतित करने के लिए आत्मसमर्पण किया है।

आत्मसमर्पित नक्सली लगातार कोण्डागांव पुलिस के संपर्क में थें कोण्डागांव पुलिस के द्वारा शासन द्वारा दी जा रही पूनर्वास नीति एवं सुविधाओं के संबंध में जानकारी देकर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया गया, जिससे प्रभावित होकर शनिवार को पुलिस अधीक्षक कोण्डागावं अभिषेक मीणा के सामने आत्मसमर्पण किया है।

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