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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने की अगवा एसआइ की हत्या, पति के लिए गुहार लगाती रही पत्नी

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा अपहृत सब इंस्पेक्टर (एसआइ) मुरली ताती की हत्या कर दी गर्इ। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि 21 अप्रैल को नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए सहायक पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 10:48 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 12:14 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने की अगवा एसआइ की हत्या, पति के लिए गुहार लगाती रही पत्नी
नक्सलियों द्वारा अपहृत सब इंस्पेक्टर (एसआइ) मुरली ताती की हत्या कर दी गर्इ।

बीजापुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने तुंगलवाया गांव से अगवा किए गए सब इंस्पेक्टर मुरली ताती की हत्या कर दी। शुक्रवार देर रात एसआइ का शव गंगालूर इलाके के नांदलूर गांव के पास सड़क पर फेंककर भाग गए। शव केऊपर एक पर्चा मिला है जिसमें नक्सलियों ने मुरली को गद्दार बताया है। पर्चे में आरोप लगाया गया है कि एसआइ सलवा जुडूम के समय से जनता पर अत्याचार में शामिल रहे। नक्सलियों ने गांवों पर हमला कर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, महिलाओं से छेड़छाड़, नक्सल कैडर की फर्जी मुठभेड़ में हत्या, आदिवासियों को फर्जी मामलों में जेल भेजने का भी आरोप लगाया है। आइजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह पर्चा पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी की ओर से जारी किया गया है। एसआइ मुरली को 21 अप्रैल को अगवा किया गया था।

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नक्सल विरोधी अभियान में भाग लिया था मुरली ने

2005-06 में दक्षिण बस्तर में चले नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम में मुरली ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) बनाया गया था। 2011 में सलवा जुडूम के खिलाफ दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हथियारबंद दस्ते पर प्रतिबंध लगाया तो सरकार ने एसपीओ के पद को सहायक आरक्षक में परिवर्तित कर सभी एसपीओ को पुलिस बल का हिस्सा बना लिया। सहायक आरक्षक रहते हुए मुरली ने नक्सल मुठभेड़ों में बहुत सफलता पाई। वह लगातार आउट आफ टर्न प्रमोशन पाते रहे। बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित पालनार गांव के निवासी मुरली बारहवीं तक पढ़े थे। वह अपने इलाके के सर्वाधिक शिक्षित व्यक्ति थे।

2019 में बस्तर तबादला हुआ था

2019 में एसआइ केपद पर प्रोन्नत होने के बाद उनका स्थानांतरण बीजापुर से बस्तर हुआ था। जगदलपुर में भी वह नक्सलियों से मुकाबले केलिए गठित स्थानीय फोर्स डीआरजी में रहे। चार महीने पहले उन्हें डीआरजी से हटाकर जगदलपुर पुलिस लाइन में पदस्थ किया गया था। उनकी पत्नी और तीन बच्चे बीजापुर में रहते हैं। तबीयत खराब होने के कारण वह अवकाश लेकर 21 अप्रैल को अपने गांव पालनार जा रहे थे, तभी नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया था।उनकी रिहाई के लिए गोंडवाना समाज के लोग जंगलों में भटकते रहे। शुक्रवार को समाज के प्रतिनिधियों ने नक्सलियों के सामने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था। गोंडवाना समाज ने ही इस महीने टेकलगुड़ा मुठभेड़ केबाद अगवा जम्मू के सीआरपीएफ कोबरा बटालियन केजवान राकेश्वर मन्हास की रिहाई की पहल की थी। उन्हें नक्सलियों ने छोड़ दिया था पर मुरली की हत्या कर दी।

बीजापुर में दी गई श्रद्घांजलि

एसआइ मुरली ताती केशव को बीजापुर लाया गया। शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को विधायक विक्रम मंडावी समेत पुलिस अफसरों ने कंधा दिया। पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि व अंतिम सलामी केबाद शव परिजनों को सौंपा गया।


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