Move to Jagran APP

दूसरे राज्‍यों के किचन में खुशबू फैला रहा छत्‍तीसगढ़ का सुगंधित चावल

पांच साल पहले तक छत्तीसगढ़ से दुबराज जंवाफूल विष्णुभोग जीरा फूल और तरुण भोग जैसे खास सुगंधित चावल का एक्सपोर्ट सालाना पांच लाख टन था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 06:32 PM (IST)
दूसरे राज्‍यों के किचन में खुशबू फैला रहा छत्‍तीसगढ़ का सुगंधित चावल

रायपुर (राज्‍य ब्‍यूरो)। खाने में अगर टेस्‍ट के साथ खुशबू भी हो तो क्‍या कहना। देश में चावल खाने के एक से बढ़ कर एक शौकीन हैं। उनके लिए छत्‍तीसगढ़ के खुशबूदार चावल की बात ही कुछ और है। इस खुशबूदार चावल की मांग अब प्रदेश के अलावा दूसरे राज्‍यों में भी बढ़ती जा रही है। सुगंधित धान की पैदावार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी की तो वहीं प्रदेश का नाम भी अन्य राज्यों में सुगंधित चावल की वजह से रोशन हो गया है।

loksabha election banner

ऐसे में किसान भी मोटे धान के बदले पतले व खुशबूदार धान की फसल लेना शुरू कर दिए हैं। इससे अधिकांश जिले में तगड़ा मुनाफा देने वाले सुगंधित धान की किस्में खेतों में छा गई हैं।  पांच साल पहले तक छत्तीसगढ़ से दुबराज, जंवाफूल, विष्णुभोग, जीरा फूल और तरुण भोग जैसे खास सुगंधित चावल का एक्सपोर्ट सालाना पांच लाख टन था, लेकिन मांग ने कुछ इस तरह से सुगंधित चावल की खपत बढ़ाई कि एक्सपोर्ट दोगुना हो गया है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि एरोमेटिक चावल ने दिल्ली, जयपुर, मद्रास शहर के लोगों को भी अपना दीवाना बना दिया है।

इसकी खुशबू और स्वाद का मजा लेने चाणक्यपुरी स्थित छत्तीसगढ़ भवन की कैंटीन में लोग पहुंच रहे हैं। चावल बिक्री मेले का आयोजन 15 से ये चावल ऑर्गेनिक के साथ-साथ सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। लोगों की बढ़ती मांग के चलते छत्तीसगढ़ भवन में आम लोगों के लिए चावल की बिक्री के लिए योजना बनाई गई है।

15 से 20 मई तक छत्तीसगढ़ भवन में चावल बिक्री मेले का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर छत्तीसगढ़ के सुगन्धित चावल की अनेक किस्में उपलब्ध होंगी। इसे आम लोग किफायती दाम में खरीद सकते हैं। छत्तीसगढ़ भवन के हाउस मैनेजर ने बताया कि 15 मई से सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक छत्तीसगढ़ भवन में राज्य के सुगंधित चावल की अनेक किस्में यहां उपलब्ध होंगी।

इसे आम लोग किफायती दाम पर खरीद सकते हैं। यहां पर प्रमुखतः दुबराज, विष्णु भोग, एचएमटी, श्रीराम जैसी सुगंधित चावल की किस्मे होंगी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उच्च क्वालिटी के चावल की छोटी खेप छत्तीसगढ़ से मंगाई है।

एरोमेटिक चावल के कई लाभ

आर्गनिक और एरोमेटिक चावल के कई लाभ हैं। इसमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा बालियों में छोटा व पतला दाना है, जो प्राकृतिक तत्वों से भरपूर होता है। इस विशेष चावल में एंटी आक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा है। इसके अलावा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की प्रचुरता सामान्य चावल से ज्यादा होती है। इनमें मौजूद विशेष एंटी आक्सीडेंट तत्व त्वचा और आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं।

इसमें पाए जाने वाले फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ आंत की बीमारी को भी दूर करता है। ये चावल मोटापा को भी दूर करता है साथ ही हार्ट को स्वास्थ्य और मजबूत रखने के लिए भी सहायक होता है। जिसकी पैदावार बिलासपुर, मुंगेली, महासमुंद या धमतरी सभी जिलों में सुगंधित धान की खेती हो रही है।

फैक्ट फाइल में

23450 प्रजातियां हैं धान की छत्तीसगढ़ में

1000 किस्में हैं सुगंधित चावल की दुनिया में

150 किस्में हैं सुगंधित चावल की भारत में

16 किस्में हैं सुगंधित चावल की प्रदेश में

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.