छत्तीसगढ़ में लॉकअप का ताला तोड़, दीवार फांदकर 4 कैदी जेल से फरार
छत्तीसगढ़ में एक जेल से चार कैदी फरार हो गए हैं। यह चारों कैदी अपनी बैरक का ताला तोड़कर भाग गए।
मुंगेली, पीटीआइ। मुंगेली/बिलासपुर (जेएनएन)। देवरी उपजेल से चार कैदियों के दीवार फांदकर भागने से जेल प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। घटना शुक्रवार-शनिवार की देर रात की है। बताया गया है कि चारों आरोपी बैरक तीन में एक साथ थे, और ताला तोड़कर आधी रात को फरार हो गये हैं। फिलहाल सिटी कोटवाली में इनके भागने की सूचना दी गयी। लापरवाही के लिए जेल में तैनात दो प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है। चारों आरोपी हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसे संगीन मामले के आरोपित हैं। धनतेरस की रात पटाखों की गूंज के बीच चार कैदियों ने बैरक का ताला तोड़ा और वहां से फरार हो गए।
प्रहरियों को पटाखे की आवाज की वजह से ताला टूटने का आभास तक नहीं हुआ। इस बीच अपने गमछे-चादर आदि के सहारे जेल की दीवार फांदने में कामयाब हो गए। घटना की जानकारी से जेल व पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले में लापरवाही बरतने वाले दो जेल प्रहरियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। राज्य में पुलिस ने अलर्ट जारी कर सरगर्मी के साथ फरार कैदियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना के बाद जेल विभाग के आला अधिकारियों ने मुआयना किया और जेल सुरक्षा में चूक की समीक्षा की जा रही है।
जेल से फरार होने वाले कैदियों ने पूरी प्लानिंग संभवत: पहले से तैयार कर रखी थी,और जैसे ही उन्हें मौका मिला वे दीवार फांदकर भाग निकले। तरुण केंवट उर्फ छोटू उर्फ रितेश पिता विष्णु केवट चौकी बेलगहना थाना कोटा जिला बिलासपुर के हैं, जिनके खिलाफ धारा 363, 366, 376 बलात्कार का मामला दर्ज है। दूसरा कैदी धीरज जो रीवा मध्य प्रदेश का रहने वाला है, उसके विरूद्घ हत्या का मामला दर्ज है। तीसरे कैदी का नाम इंदल उर्फ इंद्रध्वज है। इंद्रध्वज सिलतरा थाना लोरमी चौकी चिल्फी का रहने वाला है, जिसके खिलाफ सेंधमारी सहित अनेक संगीन अपराध दर्ज है। वहीं फरार होने वाला चौथा कैदी जरहागांव का रहने वाला सुरेश पटेल है, जिसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जेल प्रबंधन की लापरवाही के चलते चार कैदी फरार हो गए। जेल अधीक्षक द्वारा इसकी प्राथमिक सूचना कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई है। मुंगेली उप जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर हमेशा से सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। इस बार तो कैदियों ने सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। इसके लिए उन्होंने दिवाली की पहली रात का इंतजार किया। त्यौहार की खुमारी होने से जेल प्रहरी भी बेपरवाह हो गए थे जिसका कैदियों ने फायदा उठाया है। पटाखों की आवाज के बीच ताला तोड़ने में कामयाब हो गए। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर उपजेल पहुंचकर मुआयना कर रहे हैं।