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Chandrayaan-2: मंत्री ने लोकसभा में बताया, क्यों हुई चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग

पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग इसलिए हुई क्योंकि इसके उतरने के दौरान वेग तय पैरामीटर से मैच नहीं कर पाया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 08:23 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 08:40 AM (IST)
Chandrayaan-2: मंत्री ने लोकसभा में बताया, क्यों हुई चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग
Chandrayaan-2: मंत्री ने लोकसभा में बताया, क्यों हुई चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग

नई दिल्ली, प्रेट्र। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग के संबंध में केंद्र सरकार ने बुधवार को देश को जानकारी दी। पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग इसलिए हुई क्योंकि इसके उतरने के दौरान वेग तय पैरामीटर से मैच नहीं कर पाया।

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स्पेस विभाग की जिम्मेदारी देख रहे जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले फेज का गति कम चांद से 30 से 7.4 किलोमीटर की दूरी पर किया गया और उस वक्त गति 1683 मीटर से घटकर 146 मीटर प्रति सेकंड हो गया था।

उन्होंने कहा कि लैंडिंग के दूसरे फेज के दौरान वेग का घटाव पहले डिजाइन वैल्यू से भी ज्यादा था। इस वजह से विक्रम 500 मीटर के दायरे में हार्ड लैंड हुआ। मंत्री ने कहा कि हालांकि, टेक्नॉलजी के बाकी के कम्पोनेंट- लॉन्च, ऑर्बिटल क्रिटिकल मनुवर, लैंडर सेपरेशन, डी-बूस्ट और रफ ब्रेकिंग फेज सफलतापूर्वक हुए।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक उद्देश्य के लिए ऑर्बिटर के सभी आठ स्वदेशी वैज्ञानिक उपकरण डिजाइन के मुताबिक काम कर रहे हैं और महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध करा रहे हैं। सटीक लॉन्च और ऑर्बिटर की कुशलता के कारण ऑबिटर की मिशन लाइफ सात साल बढ़ गई है।

इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई। एजेंसी ने उस जगह की कुछ तस्वीरें भी जारी कीं, जहां विक्रम की लैंडिंग होनी थी। हालांकि, विक्रम कहां गिरा इस बारे में पता नहीं चला पाया है। 

गौरतलब है कि इससे पहले इसरो के एक अधिकारी ने कहा था कि लैंडिंग के दौरान विक्रम गिरकर तिरछा हो गया है, लेकिन टूटा नहीं है। इसरो ने लैंडर से 21 सितंबर तक संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद दक्षिणी ध्रुव पर अंधेरा छा गया।

बता दें कि इससे पहले नासा ने चंद्रयान-2 को लेकर ट्वीट किया था। उसने लिखा था कि अंतरिक्ष कठिन है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 को उतारने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें प्रेरित किया है और भविष्य में हम सौर मंडल का पता लगाने के लिए साथ काम करेंगे।


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