Chandrayaan-2: अंतिम समय में संपर्क टूटने से 'सब खत्म नहीं हुआ', जानिए- विदेशी मीडिया का Reaction
चंद्रयान के विक्रम लैंडर का ISRO से संपर्क टूट गया है। इस बात की घोषणा ISRO प्रमुख के सिवन ने खुद की थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लैंडर विक्रम (Vikram) का शनिवार को इसरो मुख्यालय से संपर्क उस वक्त टूट गया जब वह चांद की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था। पूरी दुनिया की निगाहें भारत के चंद्रयान-2 पर थी। विदेशों से इस मिशन के लिए बधाई मिल रही थी। वहीं सब सही हो इसके लिए प्रार्थना भी की गई।
हालांकि, अंतिम समय में थोड़ी निराशा हाथ लगी, जिसे लेकर भारतवासी मायूस भी हो गए। यह मिशन खास था और अभी भी है। दुनिया भर में भारत की यह उड़ान सुर्खियों में बनी हुई है। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इसरो की सराहना कर रही है। पढ़िए, विदेशी मीडिया ने चंद्रयान -2 के बारे में क्या कहा?
अमेरिकी पत्रिका वायर्ड
अमेरिकी पत्रिका वायर्ड (American magazine Wired) के ऑनलाइन संस्करण ने चंद्रयान -2 के लैंडिंग पर लिखा, 'भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका, लेकिन इस मिशन में सब खत्म नहीं हुआ है'।
न्यूयॉर्क टाइम्स
न्यूयॉर्क टाइम्स (The New York Times) ने भारत की इंजीनियरिंग प्रगति और दशकों के अंतरिक्ष विकास को अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के साथ जोड़ा। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, 'ऑर्बिटर ऑपरेशन में बना हुआ है, भारत उन देशों के एक बेहतरीन क्लब में शामिल होने से थोड़ा पीछे रह गया जो चंद्रमा की सतह पर उतरे हैं।'
ले मोंडे
फ्रांसीसी दैनिक ले मोंडे (Le Monde) ने चंद्रमा पर लैंडिंग की सफलता दर का उल्लेख किया। इसमें कहा गया है, 'वैज्ञानिक के मुताबिक, केवल 45 फीसद मिशन में सब सफल रहा।' ले मोंडे ने अपने लेख की शुरुआत 'एक टूटे हुए सपने' शब्दों के साथ की।
वेबसाइट ने National Aeronautics and Space Administration (NASA) के एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा, 'कल्पना करें, एक हवाई जहाज की तुलना में दस गुना तेज गति से अंतरिक्ष को पार करने वाले एक अंतरिक्ष यान की और फिर एक दम से पृथ्वी पर धीरे हो कर उतरना। सभी कुछ मिनटों में और अधिक महत्वपूर्ण बात बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप ( human intervention) के।
द गार्जियन
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन (The Guardian) ने अपने लेख में शीर्षक पर लिखा, भारत की चंद्रमा लैंडिंग में अंतिम क्षणों में कम्युनिकेशन लोस्स हो जाता है। साथ ही कहा गया, 'भारत वहां जा रहा है जहां शायद आने वाले 20 साल, 40 साल या 100 साल में इंसानों की भविष्य की बस्तियां होंगी।'
वाशिंगटन पोस्ट
वाशिंगटन पोस्ट (The Washington Post) ने लिखा, 'चंद्रमा पर उतरने का प्रयास करते वक्त भारत का लैंडर संपर्क खो देता है।' लेख में लिखा गया, 'यह घटना भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाएगी। अमेरिकी दैनिक ने आगे कहा, 'चंद्रमा पर किए गए 38 नरम-लैंडिंग प्रयासों में से केवल आधा ही सफल रहे है। भारत को उम्मीद थी कि उसका चंद्रयान -2 मिशन संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा राष्ट्र होगा।
CNN
चंद्रमा की ध्रुवीय सतह पर भारत की ऐतिहासिक लैंडिंग विफल हो गई है। CNN का शीर्षक था। CNN ने कहा कि बेंगलुरु स्थित नियंत्रण कक्ष में लोग हर छोटे कदम पर जश्न मना रहे थेस लेकिन शनिवार रात 1.55 पर सन्नाटा हो गया। वैज्ञानिकों के चेहरों से निराशा झलक रही थी।
ISRO प्रमुख ने बताया संपर्क टूट गया
चंद्रयान के विक्रम लैंडर का ISRO से संपर्क टूट गया है। इस बात की घोषणा ISRO प्रमुख के सिवन ने खुद की थी। सिवन ने बताया था कि विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने का मिशन योजना के मुताबिक चल रहा था और 2.1 किलोमीटर ऊंचाई तक सबकुछ सामान्य था, उसके बाद विक्रम का ग्राउंड स्टेशन संपर्क टूट गया। वहीं, उस दौरान उन्होंने यह भी बताया था कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।