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580 सालों बाद आज रहा सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण, जानिए अब अगले महीने कब पड़ेगा सूर्य ग्रहण

आज हुए चंद्र ग्रहण के बाद अब अगले महीने सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। इस साल कुल दो सूर्य ग्रहण का योग बना है। जिसमें साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगा था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 10:49 PM (IST)
चंद्र ग्रहण के पहले या बाद में सूर्य ग्रहण जरूर पड़ता है

नई दिल्ली/भुवनेश्वर, एजेंसियां। 580 सालों बाद शुक्रवार को देश के कई हिस्सों में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखा गया। आज हुए चंद्र ग्रहण के बाद अब अगले महीने सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। इस साल कुल दो सूर्य ग्रहण का योग बना है। जिसमें साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगा था। आज से 15 दिन बाद दिसंबर के महीने में इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण रहेगा।

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वही, आज पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में आंशिक चंद्र ग्रहण देखा गया जो शाम 4.17 बजे समाप्त हो गया। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए ओडिशा के भुवनेश्वर में पठानी सामंत तारामंडल के उप निदेशक शुभेंदु पटनायक ने बताया कि यह सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण है जो आज दोपहर 12.47 बजे शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि दुर्लभ घटना पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों से (नंगी आंखों से नहीं) दिखाई दी।

आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पड़े चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 24 सेकेंड रही, जो कि पिछले 580 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण रहा है। वहीं, अब चंद्र ग्रहण के 15 दिनों के बाद यानी 04 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की ही तिथि पर लगता है। चंद्र ग्रहण के पहले या बाद सूर्य ग्रहण जरूर पड़ता है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा। इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा।

बता दें कि चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सीधे पृथ्वी के पीछे और उसकी छाया में चला जाता है। यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अन्य दो के बीच पृथ्वी के साथ बिल्कुल या बहुत निकट से जुड़े होते हैं। चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात को ही लग सकता है। चंद्र ग्रहण का प्रकार और लंबाई चंद्रमा की अपनी कक्षा के किसी भी नोड से निकटता पर निर्भर करती है।

गौरतलब है कि आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया केवल चंद्रमा के एक हिस्से से होकर गुजरती है, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा काला धब्बा होता है जिससे ऐसा लगता है जैसे चंद्रमा का एक हिस्सा काट दिया गया हो।


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