गूगल का इनकार, पूर्व छात्र की शरारत पर स्कूल टीचर्स शर्मिंदा, चंडीगढ़ में जांच शुरू
हर्षित स्कूल आया और उसने बताया कि उसे अमेरिकी कंपनी गूगल में बतौर ग्राफिक्स डिजाइनर जॉब मिली है, तो सभी ने विश्वास कर लिया।
नई दिल्ली, एजेंसी। चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल के छात्र हर्षित शर्मा ने यह कहकर लोगों के बीच खलबली मचा दी थी कि अमेरिकी कंपनी गूगल ने उसे ट्रेनिंग के दौरान 4 लाख रुपये प्रति महीना और ट्रेनिंग पूरा होने पर 12 लाख रुपये हर माह की सैलरी ऑफर की है। लेकिन गूगल ने हर्षित को ऐसी कोई नौकरी ऑफर करने से इनकार किया है। हर्षित की इस शरारत से जहां उसके स्कूल टीचर्स शर्मिंदा हैं, वहीं चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हर्षित चंडीगढ़ के सेक्टर 33 स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ता था। इस स्कूल की टीचर दीपा किरण कहती हैं कि हर्षित की शरारत से स्कूल प्रशासन और पूरे चंडीगढ़ को बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। इधर चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने भी इस पूरे मामले पर जांच बिठा दी है। चंडीगढ़ प्रशासन ने अपने प्रेस रिलीज में दावा किया था कि हर्षित का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन इंटरव्यू हुआ था और उसका सेलेक्शन उसके द्वारा बनाये गये डिजाइन के आधार पर हुआ। इसकी वजह से भी विभाग की इस पूरे मामले पर किरकिरी हो रही है। हर्षित के स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया, 'मैंने जांच कर लोगों को मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज और प्रूफ सौंप दिया हैं, जिनकी जरूरत पड़ सकती है।'
बता दें कि हर्षित ने पिछले साल 12वीं कक्षा आईटी स्ट्रीम में पास की थी। वह पढ़ाई में तो ज्यादा अच्छा नहीं था, लेकिन कंप्यूटर पर ग्राफिक्स अच्छे बना लेता था। इसलिए पिछले दिनों जब हर्षित स्कूल आया और उसने बताया कि उसे अमेरिकी कंपनी गूगल में बतौर ग्राफिक्स डिजाइनर जॉब मिली है, तो सभी ने विश्वास कर लिया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने यह जानकारी प्रदेश के शिक्षा विभाग को दी। 28 जुलाई को स्कूल की प्रिसिंपल इन्दिरा बेनीवाल ने चंडीगढ़ प्रशासन को अपने हस्ताक्षर और स्टाम्प के साथ लिखे पत्र पर इस बारे में सूचना दी और हर्षित की कामयाबी को राष्ट्रीय उपलब्धि करार दिया। इसके बाद चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग ने प्रेस रिलीज जारी कर दावा किया कि गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेन्डरी स्कूल, सेक्टर-33 के छात्र हर्षित शर्मा ने अपने दम पर गूगल में बतौर ग्राफिक डिजाइनर नौकरी पायी है।
लेकिन जांच करने पर पता चला कि हर्षित को गूगल की ओर से कोई जॉब ऑफर नहीं की गई है। इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने जब हर्षित के माता-पिता से बात की तो उन्होंने माना कि उनके बेटे ने गलत खबर उन्हें दी थी।
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