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MSP की मांग पर सरकार समाधान के पक्ष में, कृषि मंत्री ने आंदोलित किसानों को किया आमंत्रित; बोले- वार्ता ही निदान का रास्ता

न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले नौ दिनों से दिल्ली के पास आंदोलित किसानों के साथ केंद्र सरकार हर संभव वार्ता के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार एमएसपी की मांग फसल विविधीकरण पराली एवं पिछले आंदोलन के दौरान किसानों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को हटाने जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaThu, 22 Feb 2024 01:26 AM (IST)
MSP की मांग पर सरकार समाधान के पक्ष में, कृषि मंत्री ने आंदोलित किसानों को किया आमंत्रित; बोले- वार्ता ही निदान का रास्ता
खनौरी बार्डर पर हालात तनावपूर्ण (फोटो: एपी)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलित किसानों के साथ केंद्र सरकार हर संभव वार्ता के लिए तैयार है। वह किसानों के हित में इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। अभी तक चार दौर की वार्ता के बावजूद आंदोलन पर अड़े किसानों को केंद्र ने पांचवे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और साथ ही शांति बनाए रखने की भी अपील की है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने क्या कुछ कहा?

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली एवं पिछले आंदोलन के दौरान किसानों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को हटाने जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए राजी है। उसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि सरकार पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार थी और आज भी तैयार हैं और भविष्य में भी उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी। वह हमारे भाई हैं।

कृषि मंत्री मुंडा ने किसानों से अपील ऐसे वक्त की है, जब हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी बार्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सरकार के आग्रह की अनदेखी करते हुए आंदोलित किसान जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर दिल्ली की ओर कूच के लिए प्रयासरत हैं। कृषि मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और समाधान तलाशने के लिए बातचीत में शामिल होने की अपील की है।

किसानों से ही समाधान के लिए सुझाव मांगे

उन्होंने किसानों से ही समाधान के लिए सुझाव मांगा है ताकि सर्वसम्मत रास्ता निकल सके। मुंडा ने कहा कि किसान पूरे देश में हैं। नीति बनाते समय पूरे देश के किसानों के हित को ध्यान में रखना जरूरी है। हम आने वाले दिनों में उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों का समाधान बातचीत के जरिये निकाला जा सकता है।

आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। ठाकुर ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उच्च विकास हासिल करने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में गेहूं, धान, तिलहन और दालों की खरीद पर 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं जबकि यूपीए शासन ने 5.50 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। सरकार ने एमएसपी दोगुना कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने लगभग 12 करोड़ किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वैसे केंद्र सरकार ने सुलह की कोशिश करते हुए पिछले दौर की बातचीत में तीन फसलों की अगले पांच वर्षों के लिए एमएसपी पर खरीदारी की गारंटी देते हुए किसानों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसानों ने उस दिन तो सुलह का संकेत दिया था, लेकिन एक दिन बाद ही पलट गए। उसके बाद से ही पंजाब एवं हरियाणा सीमा पर माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है।

पंजाब-हरियाणा सीमा पर जमे किसान

किसानों का दिल्ली कूच 13 फरवरी को प्रारंभ हुआ था। तभी से किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर जमे हुए हैं। 18 फरवरी को किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल एवं नित्यानंद राय की टीम ने सरकारी एजेंसियों द्वारा अगले पांच वर्षों तक एमएसपी पर दाल, मक्का एवं कपास की सौ प्रतिशत खरीदारी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया।