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क्वारंटाइन सुविधाओं को लेकर केंद्र ने जारी किए दिशानिर्देश, हर रोज सांस संबंधी लक्षणों की हो जांच

केंद्र सरकार ने कहा है कि क्वारंटाइन सुविधाओं में रखे गए लोगों स्वास्थ्यकर्मियों और सहायक कर्मचारियों के बीच कम से कम बातचीत हो।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 10:55 AM (IST)
क्वारंटाइन सुविधाओं को लेकर केंद्र ने जारी किए दिशानिर्देश, हर रोज सांस संबंधी लक्षणों की हो जांच

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए रविवार को दिशानिर्देश जारी किए। इसमें शहर के बाहरी इलाकों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने और उसमें इस तरह की व्यवस्था करने को कहा गया है ताकि वहां रखे गए लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और सहायक कर्मचारियों के बीच कम से कम बातचीत हो।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड दिशानिर्देशों के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की प्रतिदिन बुखार और सांस संबंधी लक्षणों की जांच होनी चाहिए। क्वारंटाइन सेंटर को कम जोखिम वाले क्षेत्र, मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र और अत्यधिक जोखिम वाले क्षेत्र में विभाजित करना चाहिए। उसी के हिसाब से वहां सुविधाएं भी मुहैया कराई जानी चाहिए। क्वारंटाइन सेंटर के लिए प्रभारी, नोडल अधिकारी के तौर पर अलग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए।

सलाहकार ने कहा कि सामान्य ड्यूटी मेडिकल डॉक्टर, मेडिसिन विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, माइक्रोबायोलॉजिस्ट (डायग्नोस्टिक सपोर्ट और आईपीसी के लिए), मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों क्वारंटाइन किए गए लोगोंं की प्रतिदिन नियमित जांच की जाए। स्टाफ नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिक्स को तैनैत करने की जरूरत है।

क्वारंटाइन सुविधाओं की निगरानी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की आवश्यक है, जबकि नमूना संग्रह, पैकेजिंग और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण प्रथाओं के लिए ​​माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को रखने के लिए घरों की व्यव्स्था करने की जरूरत है।

दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी क्वारंटाइन लोगों का प्रतिदिन दो बार (सुबह और शाम) चिकित्सकीय रूप से जांच की आवश्यकता है। कोरोना वायरस (बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस फूलना आदि) के संबंधित लक्षणों वाले लोगों को जल्द अस्पताल में भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्नत तकनीक वाली एम्बुलेंस को स्टैंडबाय मोड पर रखा जाना चाहिए।

बता दें कि कोरोना वायरस के चलते सरकार ने 14 अप्रैल तक के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया है। दरअसल कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से फैलता है। इसलिए जरुरी है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। फिलहाल सभी राज्यों ने अपनी सीमाओं को बंद कर लिया है। बस, ट्रेन और उड़ानों को फिलहाल बंद कर दिया गया है।


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