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केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कहा- भ्रष्टाचार से जुड़ी छद्म शिकायतों पर नहीं करें कार्रवाई

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कहा कि सरकार के निर्देशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग ने अपने निर्देश में कहा कि सभी प्रमुख सतर्कता और प्रशासनिक अधिकारियों को उसके निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराना चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 07:46 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 07:46 AM (IST)
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कहा- भ्रष्टाचार से जुड़ी छद्म शिकायतों पर नहीं करें कार्रवाई
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने दिए आवश्यक निर्देश।

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सभी सरकारी विभागों से कहा है कि भ्रष्टाचार को लेकर की जाने वाली छद्म, गुमनाम शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि इस संबंध में दिशानिर्देश के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग की तरफ से इस तरह का निर्देश उन दृष्टांतों के मद्देनजर जारी किया गया जिनमें देखा गया कि सरकारी विभाग या संगठन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ([डीओपीटी)] तथा सीवीसी की तरफ से जारी निर्देशों का उल्लंघन कर छद्म शिकायतों का भी संज्ञान ले रहे हैं।

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सीवीसी ने कहा कि सरकार के निर्देशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग ने अपने निर्देश में कहा कि सभी प्रमुख सतर्कता और प्रशासनिक अधिकारियों को उसके निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराना चाहिए। डीओपीटी तथा सीवीसी ने पहले के आदेश में यह कहा है कि मंत्रालयों, विभागों तथा संगठनों को गुमनाम अथवा छद्म नामों से की जानेवाली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

इससे पहले खबर आई कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) की ओर से भ्रष्टाचार की शिकायतों से निपटने में की जाने वाली देरी से केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) परेशान हैं। फाइलें लंबे समय तक न लटकें इसके लिए आयोग ने ऐसी शिकायतों का निपटारा करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने समेत कई अन्य व्यवस्थागत बदलाव करने का फैसला किया है। इस क्रम में अधूरे संदर्भों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए आयोग अब बार-बार सीवीओ को रिमाइंडर्स नहीं भेजेगा।

एक आदेश के मुताबिक, आयोग ने कार्रवाई का ऐसा तरीका तैयार किया है जिससे लंबित शिकायतों या संदर्भों को अंतिम रूप देने और सलाह देने में इस्तेमाल किया जाएगा। सीवीसी के मुताबिक, अतिरिक्त जानकारियों या स्पष्टीकरण के लिए काफी समय से लंबित ऐसे सभी मामलों या शिकायतों की संबंधित सचिव की देखरेख में 30 सितंबर,2020 तक आयोग में आंतरिक रूप से समीक्षा की जाएगी। 


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