पिछले एक साल से 588 मामलों की CBI जांच लंबित, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में गुरुवार को जानकारी दी है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा पिछले एक साल से 588 नियमित मामलों (आरसी) की जांच लंबित है। यह आंकड़ा 31 दिसंबर 2020 तक का है। 31 दिसंबर 2019 तक यह आंकड़ा 711 था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में गुरुवार को जानकारी दी है कि पिछले एक साल से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा 588 नियमित मामलों (आरसी) की जांच लंबित है। यह आंकड़ा 31 दिसंबर, 2020 तक का है। 31 दिसंबर, 2019 तक यह आंकड़ा 711 था। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। 2020 में राजनीतिक व्यक्तियों के खिलाफ छह ऐसे मामले थे। इसमें कहा गया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) लोक सेवकों, फर्मों, बैंकों, निजी व्यक्तियों के खिलाफ जटिल और स्वैच्छिक मामलों की जांच करता है, जो कई बार बहुत पुराने लेनदेन या घटनाओं से संबंधित होते हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि इनमें से कई मामलों में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली जांच शामिल होती हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञ की राय के लिए काफी समय तक मामले लंबित रहते हैं। निष्पादन रिपोर्ट, म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) आदि के कारम कई मामले ज्यादा समय तक लंबित रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई स्थिति ने भी मामलों की जांच की गति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। सीबीआइ द्वारा इन मामलों को प्राथमिकता से निपटाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है।
सीबीआइ में 1,374 पद खाली
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा यह भी बता या कि सीबीआइ में 31 दिसंबर, 2020 तक 1,374 पद खाली थे। 7,273 स्वीकृत पदों में से 5,899 भर गए हैं। कार्यकारी रैंक के 5,000 पदों में से 4,171 भरे गए। कानूनी और मंत्रिस्तरीय रैंकों के लिए क्रमश: 370 और 162 की स्वीकृत पदों के मुकाबले कुल क्षमता 284और 66 की थी। मंत्री पद के 1,671 पदों में से 1,353 भरे गए। जांच एजेंसी के साथ काम करने वाले कैंटीन के कर्मचारी की संख्या 25 थी, जबकि 70 पद स्वीकृत किए गए थे। समय-समय पर, सभी रैंकों में रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने के लिए सक्रिय प्रयास किए जाते हैं।