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किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने पर सरकार प्रतिबद्ध नहीं: केंद्र सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में कहा 31 दिसंबर 2021 तक देश भर की विभिन्न जेलों में बंद 472 कैदियों को मौत की सजा सुनाई गई है। अजय कुमार मिश्रा ने कहा 290 अन्य कैदियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Wed, 29 Mar 2023 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 10:58 PM (IST)
किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने पर सरकार प्रतिबद्ध नहीं: केंद्र सरकार
मौत की सजा पाने वाले दोषियों की सबसे अधिक संख्या 67 उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई।

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र ने किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने के मामले में कोई प्रतिबद्धता नहीं जताते हुए बुधवार कहा कि 14वें वित्त आयोग ने सामान्य श्रेणी और विशेष श्रेणी के राज्यों के बीच कोई अंतर नहीं किया है और सभी राज्यों के साथ साझा करने योग्य करों में पर्याप्त वृद्धि की है।

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वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य वी विजयसाई रेड्डी ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार ने घोषणा की है कि अब से किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जाएगा। इस प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को यह जानकारी दी।

31 दिसंबर 2021 तक 472 कैदियों को मौत की सजा: सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि 31 दिसंबर 2021 तक देश भर की विभिन्न जेलों में बंद 472 कैदियों को मौत की सजा सुनाई गई है। अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि 290 अन्य कैदियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है।

मौत की सजा पाने वाले दोषियों की सबसे अधिक संख्या 67 उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई, उसके बाद बिहार में 46, महाराष्ट्र में 44, मध्य प्रदेश में 39, पश्चिम बंगाल में 37, झारखंड में 31 और कर्नाटक में 27 है। उन्होंने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि जिन 290 कैदियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है, उनमें 46 मध्य प्रदेश की जेलों में, 35 महाराष्ट्र की जेलों में, 32 उत्तर प्रदेश की, 30 बिहार की, 19-19 कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की और 18 गुजरात की जेलों में हैं।

आइआइटी में जातिगत भेदभाव का कोई मामला नहीं आया: सरकार

शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के साथ जातिगत भेदभाव और अलगाव का कोई मामला सामने नहीं आया है।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी साझा की। मंत्री ने बताया कि 2018 के बाद से एससी और एसटी छात्रों द्वारा आत्महत्या के सात मामले आइआइटी में दर्ज किए गए हैं, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दो श्रेणियों के छात्रों की संख्या इतनी ही है।

अब तक 2,364 किसान रेल सेवाएं संचालित: रेल मंत्री

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में बताया कि सात अगस्त, 2020 को पहली किसान रेल सेवा शुरू होने से लेकर एक मार्च, 2023 तक भारतीय रेल ने 167 मार्गों पर लगभग 2364 किसान रेल सेवाएं चलाई हैं। इस साल सब्सिडी में चार करोड़ रुपये का वितरण किया है।

रेल मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि किसान रेल सेवाएं भारतीय रेल द्वारा निर्धारित सेवाओं के साथ-साथ मांग के आधार पर संचालित की जाती हैं। वैष्णव ने कहा कि 2020-21 और 2021-22 के दौरान किसान रेल द्वारा फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा माल ढुलाई में 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी गई थी।

रोहिणी आयोग का विस्तार किया गया: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के भीतर उप-वर्गीकरण से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए गठित जस्टिस रोहिणी आयोग का कार्यकाल 14 बार बढ़ाया जा चुका है। लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के प्रतिबंधों के कारण आयोग समय सीमा के भीतर अपना काम पूरा करने में सक्षम नहीं था, इसलिए सरकार ने आयोग की अवधि 1 जुलाई, 2023 तक बढ़ा दी है।

आयोग ओबीसी की मौजूदा केंद्रीय सूची की अस्पष्टता को अंतिम रूप देने के लिए विभिन्न राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ काम कर रहा है, जिसके लिए अधिक समय की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी रोहिणी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन 2017 में किया गया था।

30,000 से अधिक वेब लिंक ब्लाक करने का दिया निर्देश: वैष्णव

सरकार ने 2018 से इंटरनेट मीडिया लिंक, अकाउंट, चैनल, पेज, एप, वेब पेज, वेबसाइट आदि समेत 30,310 वेब लिंक को ब्लाक करने के निर्देश जारी किए हैं। संसद को बुधवार को यह जानकारी दी गई।

इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि आईटी नियमों के तहत गठित समिति ने कुल 41,172 यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) की जांच की, जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों में नोडल अधिकारियों से आइटी की धारा 69ए के तहत अवरुद्ध करने के लिए प्राप्त हुए थे।


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