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घाटी में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, जायजा लेने जा रहे हैं राजनाथ

गृहमंत्री राजनाथ सिंह सात जून को दो दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह प्रदेश में सुरक्षा बलों की कार्रवाई रोके जाने के फैसले से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करेंगे।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 04 Jun 2018 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:48 AM (IST)
घाटी में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, जायजा लेने जा रहे हैं राजनाथ
घाटी में आतंकी हमलों के बाद एक्शन में सरकार, जायजा लेने जा रहे हैं राजनाथ

नई दिल्ली, प्रेट्र : गृहमंत्री राजनाथ सिंह सात जून को दो दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह प्रदेश में सुरक्षा बलों की कार्रवाई रोके जाने के फैसले से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करेंगे। संभावना तलाशेंगे कि कार्रवाई रोके रखने का फैसला क्या और आगे बढ़ाया जा सकता है। दौरे में वह सीमापार गोलाबारी से प्रभावित इलाकों में भी जाएंगे और पीडि़त लोगों से मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि रमजान के महीने में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई को रोक रखा है।

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16 मई को केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई रोकने की एकतरफा घोषणा के बाद यह केंद्र के किसी शीर्ष नेता का दूसरा जम्मू-कश्मीर दौरा होगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख, श्रीनगर और जम्मू का दौरा किया था। अपने दौरे में गृह मंत्री सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा भी जाएंगे, वहां पर वह सीमा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद वह पुलिस, अर्ध सैन्य बलों और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रमजान के महीने में कार्रवाई रोके जाने से पैदा हुए हालात की समीक्षा करेंगे।

सरकारी सूत्रों के अनुसार कार्रवाई के नागरिक जीवन पर पड़ने वाले असर को देखते हुए उसे रोका गया है। माना जा रहा है कि गृहमंत्री राज्य सरकार और सुरक्षा अधिकारियों के साथ इस संभावना पर भी विचार करेंगे कि क्या कार्रवाई रोकने का फैसला ईद के बाद भी बढ़ाया जा सकता है और यह अमरनाथ यात्रा तक जारी रखा जा सकता है। अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होगी।

समीक्षा बैठक में हाल के दिनों में सुरक्षा बलों पर हुए पथराव, सुरक्षा बलों पर हमलों और सीमा पार से घुसपैठ की घटनाओं पर भी चर्चा होगी। गृहमंत्री का यह दौरा हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ वार्ता के प्रस्ताव के बीच हो रहा है। हुर्रियत ने वार्ता के लिए तैयार होने की बात कही है, लेकिन उससे पहले वह जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहा है, जो अभी तक भारत सरकार को स्वीकार नहीं है।


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