बंगाल में दर्ज सीबीआइ केस से केंद्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं, राज्य के मुकदमे का सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध
सीबीआइ के मुद्दे पर बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए मुकदमे का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। केंद्र सरकार नेसुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य में सीबीआइ द्वारा दर्ज मामलों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सीबीआइ के मुद्दे पर बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए मुकदमे का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार के मुकदमे का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य में सीबीआइ द्वारा दर्ज मामलों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। सीबीआइ स्वतंत्र संस्था है। केंद्र सरकार ने कहा कि बंगाल का केंद्र सरकार के खिलाफ दाखिल किया गया मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।
केंद्र सरकार ने कहा-सीबीआइ स्वतंत्र संस्था, विशेष कानून के तहत हुआ है गठन
केंद्र सरकार की ओर से ये दलीलें मंगलवार को अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष रखीं। बंगाल सरकार ने सीबीआइ जांच की सामान्य सहमति वापस लिए जाने के बावजूद एजेंसी द्वारा राज्य में केस दर्ज किए जाने को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत मूल वाद दाखिल किया है।
संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत मूल वाद केंद्र और राच्य के बीच विवाद होने या दो राज्यों के बीच विवाद होने पर दाखिल किया जाता है। सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि सीबीआइ स्वतंत्र एजेंसी है। उसका गठन संसद के बनाए विशेष कानून के तहत हुआ है। सीबीआइ केस दर्ज करके जांच कर रही है। उसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। केंद्र सरकार ने न तो कोई केस दर्ज किया है और न ही उसे कोई आपराधिक केस दर्ज करने का अधिकार है। केंद्र का केस दर्ज करने और जांच से कोई लेना- देना नहीं है।
केंद्र सरकार ने बंगाल के मुकदमे का सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध
बंगाल सरकार की ओर से दाखिल किए गए मुकदमे में जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनसे भी केंद्र का कोई लेनादेना नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार पक्षकार नहीं हो सकती और न ही बंगाल इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ वाद दाखिल कर सकता है। वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र और राच्य के बीच विवाद होने पर संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत वाद दाखिल किया जा सकता है। लेकिन इस मामले में पूरा केस और मांगी गई राहत सब सीबीआइ के खिलाफ है। सीबीआइ कानून के तहत गठित एक स्वतंत्र संस्था है।
मामले को दो हफ्ते के लिए टाला गया
उन्होंने कहा कि बंगाल के इस वाद में मांग की गई है कि केंद्र को निर्देश दिया जाए कि वह कोई केस दर्ज न करे। केंद्र के खिलाफ ऐसी मांग कैसे की जा सकती है। वेणुगोपाल याचिका की सुनवाई योग्यता पर बहस कर रहे थे। दूसरी ओर बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि यहां नियमों का उल्लंघन हो रहा है। यह वाद स्वीकार किया जाना चाहिए। अभी तक इस मामले में केंद्र ने न तो लिखित दलीलें दाखिल की हैं और न ही उसकी पेशी (अपीयरेंस) है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टालते हुए कहा कि इस मामले में अगर वकालतनामा दाखिल नहीं हुआ है तो इस बीच दाखिल किया जाए।