केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों के अधीन आने वाले अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाने का दिया निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार के सभी मंत्रालयों को सलाह दी है कि वे अपने नियंत्रण में आने वाले अस्पतालों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) से समर्पित कोविड अस्पताल तैयार करने को कहें या वे अस्पतालों के भीतर ही अलग वार्ड विकसित करें।
नयी दिल्ली, एजेंसियां। देश में बढ़ती कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार पूरी तरह से सक्रिय है। कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार के सभी मंत्रालयों को सलाह दी है कि वे अपने नियंत्रण में आने वाले अस्पतालों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) से समर्पित कोविड अस्पताल तैयार करने को कहें या वे अस्पतालों के भीतर ही अलग वार्ड विकसित करें। सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्रालयों को साथ ही यह सलाह भी दी गई है कि वह इस बारे में विस्तृत जानकारी आम जन से भी साझा करे।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब देश भर में कोरोना के ताजा मामलों में हर दिन तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है।
Union Health Ministry writes to States/UTs to ensure that movement restriction imposed by them for #COVID19 control does not adversely impact the Vaccination exercise, by restricting access of beneficiaries to the COVID vaccination centres. pic.twitter.com/PRN74RfL8Y— ANI (@ANI) April 18, 2021
मंत्रालयों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना के मामले देश भर में बढ़ते ताजा मामलों को देखते हुए उनसे ठीक वैसी ही तैयारी का आह्वान किया जा रहा है जैसा उन्होंने पिछले साल किया था।
अस्पताल में अलग से कोविड-19 का ब्लॉक करें स्थापित
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों को जरूरी चिकित्सकीय सुविधाएं मिल सके इसके लिए अस्पतालों के ढांचागत विकास को तेज करना होगा। इसके मद्देनजर मंत्रालयों को सलाह दी जाती है कि वे इस सिलसिले में अपनी अधीन अस्पतालों और उनके नियंत्रण वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को समर्पित कोविड-19 अस्पताल वार्ड या अलग से ब्लॉक स्थापित करने के लिए कहें।
गौरतलब है कि देश में कोरोना महामारी अपने चरम पर है। देश में बीते 24 घंटों के अंदर 2,61,500 नए मामले सामने आए हैं और 1500 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हुई है। देश में यह पहली बार है जब नए मामले ढाई लाख से अधिक दर्ज किए गए हैं।