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महंगे पेट्रोल-डीजल से फिलहाल नहीं मिलेगी राहत, हो सकती है कीमतों में और बढ़ोतरी

क्रूड के बढ़ते दाम के बीच सरकार ने फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटाने का संकेत दिया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 07:29 AM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 08:21 AM (IST)
महंगे पेट्रोल-डीजल से फिलहाल नहीं मिलेगी राहत, हो सकती है कीमतों में और बढ़ोतरी

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सस्ते पेट्रोल और डीजल के लिए अभी आपको इंतजार करना पड़ सकता है। क्रूड के बढ़ते दाम के बीच सरकार ने फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटाने का संकेत दिया है। केंद्र का कहना है कि वैश्विक बाजार में हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों के चलते चालू वित्त वर्ष में आयात बिल पर 50 अरब डालर तक वृद्धि हो सकती है। साथ ही चालू खाते के घाटे पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने हालांकि इसका ब्यौरा नहीं दिया। गर्ग से जब पूछा गया कि सरकार कच्चे तेल की कीमतों के किस स्तर पर पहुंचने के बाद पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाएगी तो इसके जवाब में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने इस दलील को भी खारिज किया कि कच्चे तेल के दाम बढ़ने से सरकार के खजाने में अधिक अधिक राशि आती है।

उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के दाम बढ़कर 80 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सर्वोच्च स्तर है। भारत अपनी जरूरत का तीन चौथाई से अधिक कच्चा तेल आयात करता है, इसलिए इसकी कीमतें बढ़ना चिंताजनक है। भारत ने पिछले साल 72 अरब डालर का कच्चा तेल आयात किया था।

गर्ग ने स्पष्ट किया कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के चलते आर्थिक वृद्धि दर पर असर नहीं पड़ेगा। वैसे उन्होंने यह जरूर माना है कि कच्चा तेल महंगा होने से अलग-अलग स्थिति में देश का आयात बिल 25 से 50 अरब डालर तक बढ़ जाएगा। इससे चालू खाते का घाटा भी बढ़ेगा जो पहले ही जीडीपी के दो प्रतिशत के बराबर हो चुका है। गर्ग ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में हैं। महंगाई नियंत्रित है और राजकोषीय घाटे को लेकर भी कोई चिंता की बात नहीं है।

विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से पैसा निकालने के बारे में गर्ग ने कहा कि बीते डेढ़ महीने में चार-पांच अरब डालर की राशि विदेशी निवेशकों ने निकाली है जो ज्यादा नहीं है।


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