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केंद्र ने असम राइफल्स को दिया बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार

असम राइफल्स के जवान इन शक्तियों का इस्तेमाल सीआरपीसी की धारा 41 की उपधारा एक धारा 47 48 49 51 53 54 149 150 151 और 152 के तहत करेंगे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 06:17 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 06:17 PM (IST)
केंद्र ने असम राइफल्स को दिया बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार
केंद्र ने असम राइफल्स को दिया बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार

नई दिल्ली, प्रेट्र : केंद्र सरकार ने सैन्य बलों को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। असम राइफल्स को पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में बिना वारंट किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और किसी भी स्थान की तलाशी लेने का अधिकार दे दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

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अधिसूचना के मुताबिक, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत 'असम राइफल्स के निचले रैंक के अधिकारियों को भी' ये शक्तियां दी गई हैं। असम राइफल्स के जवान इन शक्तियों का इस्तेमाल सीआरपीसी की धारा 41 की उपधारा एक, धारा 47, 48, 49, 51, 53, 54, 149, 150, 151 और 152 के तहत करेंगे। वे इनका इस्तेमाल असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम के सीमावर्ती जिलों में भी कर सकेंगे।

सीआरपीसी की धारा 41 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश और बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। धारा 47 के तहत व्यक्ति जिस स्थान पर जाता है वहां की तलाशी ली जा सकती है। धारा 48 के अनुसार, पुलिस अधिकारी वांछित व्यक्ति का किसी भी स्थान तक पीछा कर सकता है।

असम राइफल्स पूर्वोत्तर का उग्रवादी निरोधक प्रमुख सुरक्षा बल है। यह संवेदनशील भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा में भी तैनात है। पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून भी लागू है, जो क्षेत्र में सेना को इस तरह की शक्ति के इस्तेमाल की इजाजत देता है।


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