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झारखंड में भूख से लड़की के मरने पर केंद्र ने राज्यों को किया तलब

भूख से तड़प कर झारखंड में एक लड़की के मरने की खबरों को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 03:02 PM (IST)Updated: Tue, 24 Oct 2017 03:02 PM (IST)
झारखंड में भूख से लड़की के मरने पर केंद्र ने राज्यों को किया तलब

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। भात भात करते भूख से तड़प कर झारखंड में एक लड़की के मरने की खबरों को केंद्र ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। जहां इसकी जांच केद्रीय टीम से कराई गई, वहीं राज्यों के खाद्य सचिवों की सोमवार को बैठक बुला ली गई। इस दौरान विचार-विमर्श में सभी राज्यों से कहा गया कि राशन दुकानों से अनाज बांटते समय संवेदनशीलता दिखाना जरूरी है।

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राशन कार्ड बनाने और वितरित करने के मामले में राज्य के साथ जिला और ब्लॉक स्तर के अफसरों को इसके लिए विशेष रूप से निर्देश दिये जाएं, ताकि कोई जरूरतमंद अनाज लेने से वंचित न रह जाए। राशन कार्ड बनाते समय भी दस्तावेज जरूर लिये जाएं, लेकिन इसके चक्कर में किसी को राशन देने से मना न किया जाए। गांव के प्रत्येक व्यक्ति को हर कोई अच्छी तरह जानता है। ऐसे लोगों के जरूरी कागजात मौके पर ही गांव के जिम्मेदार लोगों से तस्दीक कर बनाये जाएं।

राज्यों की अनदेखी के चलते राशन प्रणाली की खामियों को रोकना आसान नहीं है। गरीबों को बांटे जाने वाले अति रियायती अनाज की चोरी रोकने के लिए केंद्र ने राज्यों के खाद्य सचिवों से सोमवार को यहां आयोजित बैठक में गंभीर विचार-विमर्श किया। ज्यादातर राज्यों ने अपने-अपने स्तर से राशन की चोरी रोकने के उपाय भी गिनाये, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में केंद्र की कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं।

उपभोक्ताओं को आधार नंबर से जोडऩे और राशन दुकानों पर प्वाइंट आफ सेल (पॉश) मशीनें लगाकर फर्जी राशन कार्ड से ज्यादातर राज्यों में निजात मिल गई है। लेकिन इन तीन बड़े राज्यों में देश के लगभग आधे राशन कार्ड धारक रहते हैैं, जहां रियायती राशन की दुकानों पर अभी तक पॉस मशीनें नहीं लगाई जा सकी हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल में एक भी मशीन नहीं लग पाई है। हालांकि उत्तर प्रदेश में कुछ मशीनें शहरी क्षेत्रों में जरूर लगाई गई हैं। राज्य के 70 हजार गांवों की राशन दुकानें अभी तक न इंटरनेट से जुड़ पाई हैं और न ही पॉश मशीनें लग पाई है।

खाद्य सचिवों की बैठक में इन राज्यों के प्रतिनिधियों ने भरोसा दिया कि जल्दी ही इनके यहां प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में तेजी आएगी। बिहार की ओर से स्पष्ट किया गया कि पॉस मशीनें लगाने का प्रस्ताव कैबिनेट स्तर पर विचाराधीन है। पश्चिम बंगाल में इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले मंत्री राम विलास पासवान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राशन प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में हो रही देरी पर बातचीत की है। बिहार में राशन दुकानों के स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है।

खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से राशन चोरी रोकने के लिहाज से छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राशन दुकानों तक अनाज पहुंचाने की सलाह दी। ज्यादातर राज्यों ने भरी हामी और अमल शुरु कर दिया है। लेकिन यूपी और बिहार ने केंद्र की सलाह को नजरअंदाज किया गया है। खाद्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि राशन दुकानों तक अनाज की आपूर्ति करने से अनाज की चोरी को रोकने में बहुत मदद मिलेगी।

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