कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि की गाइड लाइन तय करने को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा और समय
कोर्ट ने 30 जून को एनडीएमए को निर्देश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर डीएमए एक्ट की धारा 12(3) के मुताबिक कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि या मुआवजा देने के बारे में गाइड लाइन तय करे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोरोना से मौत के मामले में अनुग्रह राशि की गाइड लाइन तय करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दिए जाने का अनुरोध किया है।
एनडीएमए को 30 जून को छह सप्ताह में गाइड लाइन तय करने का मिला था निर्देश
कोर्ट ने गत 30 जून को कोरोना से मौत पर परिजनों को अनुग्रह राशि या मुआवजा पाने के हक पर मुहर लगाते हुए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी (एनडीएमए) को निर्देश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर डीएमए एक्ट की धारा 12(3) के मुताबिक कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि या मुआवजा देने के बारे में गाइड लाइन तय करे।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चार सप्ताह का और समय देने का किया अनुरोध
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में गाइड लाइन तय करने के लिए चार सप्ताह का समय और दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना से मौत पर परिजनों को मुआवजा दिये जाने के बारे में गाइड लाइन तय करने पर एनडीएमए में विचार विमर्श चल रहा है। सक्रिय रूप से प्रक्रिया जारी है और काफी आगे बढ़ चुकी है। गाइड लाइन को अंतिम रूप देने से पहले मामले पर कुछ और गहराई से परीक्षण करने की जरूरत है। जल्दबाजी में गाइड लाइन तय करने से अनपेक्षित नतीजा हो सकता है।
समय मिलने से एनडीएमए समग्र नीति बना सकेगी
सरकार ने कहा है कि इसे देखते हुए कोर्ट छह सप्ताह का दिया गया वक्त चार सप्ताह के लिए और बढ़ा दे ताकि एनडीएमए एक समग्र नीति बना सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- न्यूनतम राहत की गाइड लाइन तय करना एनडीएमए का विधायी कर्तव्य
सुप्रीम कोर्ट ने गत 30 जून को कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा या अनुगृह राशि दिए जाने के बारे में दिए फैसले में कहा था कि न्यूनतम राहत की गाइड लाइन तय करना नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी (एनडीएमए) का विधायी कर्तव्य है। इसमें कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि दिया जाना शामिल है।
गाइड लाइन न जारी करना एनडीएमए अपने विधायी कर्तव्य निर्वहन में नाकाम
कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में गाइड लाइन न जारी करना एनडीएमए का अपने विधायी कर्तव्य निर्वहन में नाकाम रहना है। सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को आदेश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि देने के बारे में न्यूनतम राहत की गाइड लाइन जारी करे। हालांकि कोर्ट ने अनुग्रह राशि कितनी दी जाएगी, यह फैसला एनडीएमए के विवेक पर छोड़ दिया था जो कि उपलब्ध कोष और महामारी के दौरान इंतजाम और राहत की प्राथमिकताओं को देखते हुए तय होगा।