केंद्र ने कहा, राष्ट्र व जनहित में है आधार योजना
आधार योजना से कालेधन पर रोक के साथ मनी लांड्रिंग पर भी अंकुश लगेगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र ने कहा है कि आधार योजना राष्ट्र के साथ जनहित में भी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच के समक्ष अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह बात कही। इसकी अगुआई चीफ जस्टिस दीपक मिश्र कर रहे हैं। बेंच आधार की वैधानिकता पर सुनवाई कर रही है।
वेणुगोपाल का कहना था कि डाटा की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इससे कालेधन पर रोक के साथ मनी लांड्रिंग पर भी अंकुश लगेगा। उनका कहना था कि केंद्र निजता के अधिकार का पूरी तरह से सम्मान करता है और केवल उन जगहों पर ही इसमें दखल दिया जाएगा, जहां राष्ट्रीय हित का मुद्दा जुड़ा हो। आखिर में उन्होंने आधार का विरोध कर रहे वकीलों के सवालों पर यूआइडीएआइ के सीईओ अजय भूषण पांडेय के जवाब अदालत के समक्ष रखे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर बायोमैट्रिक प्रणाली की असफलता की दर 6 फीसद है तो आइरिश की 8.54 फीसद, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकारी योजनाओं का लाभ इस तरह के लोगों को नहीं मिलेगा।
छोटे बच्चों को आधार से जोड़ने पर उनका कहना था कि अभिभावकों की मर्जी से स्कूल अधिकारी यह काम कर सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि बालिग होने के बाद ऐसे बच्चे आधार से खुद को अलग नहीं कर सकते। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा अंतरिम आदेश जारी करने से इन्कार कर दिया, जिसमें सरकारी योजनाओं से आधार को संबद्ध करने की समय सीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ाने की मांग थी। वेणुगोपाल ने बेंच को यह भी बताया कि आधार न होने पर किसी को भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा रहा।