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केंद्र की FM Radio चैनलों को हिदायत, नशे को बढ़ावा देने वाले गानों पर लगाएं रोक

देश के एफएम रेडियो चैनलों को अब नशे को बढ़ावा देने वाले गाने या अन्य सामग्री चलाने से पहले सौ बार सोचना होगा। केंद्र सरकार ने रेडियो चैनलों को ऐसे गाने चलाने से आगाह किया है जो शराब ड्रग्स गन कल्चर समेत आसामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Thu, 01 Dec 2022 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2022 05:30 PM (IST)
केंद्र की FM Radio चैनलों को हिदायत, नशे को बढ़ावा देने वाले गानों पर लगाएं रोक
नशे को बढ़ावा देने वाले गानों पर रोक लगाने के निर्देश

नई दिल्ली, पीटीआई: देश के एफएम रेडियो चैनलों को अब नशे को बढ़ावा देने वाले गाने या अन्य सामग्री चलाने से पहले सौ बार सोचना होगा। केंद्र सरकार ने रेडियो चैनलों को ऐसे गाने चलाने से आगाह किया है जो शराब, ड्रग्स, गन कल्चर समेत आसामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।

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नशे को बढ़ावा देने वाली सामग्री पर प्रतिबंध

एफएम रेडियो चैनलों के लिए सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के ओर से जारी एक एडवाइजरी में सख्त निर्देश दिए हैं कि, वे ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट (जीओपीए) और माइग्रेशन ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट (एमजीओपीए) में निर्धारित नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करें। साथ ही निर्देश हैं कि, ऐसी किसी भी सामग्री का प्रसारण न करें जिससे नियमों का उल्लंघन हो।

दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश

एडवाइजरी में कहा गया है कि, किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर GOPA/MGOPA में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बता दें, मंत्रालय के सामने कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमें कुछ एफएम रेडियो चैनलों द्वारा शराब, ड्रग्स, हथियार, गैंगस्टर और गन कल्चर का महिमामंडन करने वाले गाने या प्रसारण सामग्री चलाई गई। जिसके केंद्र सरकार की ओर से यह एडवाइजरी जारी की गई है।

बच्चों की मानसिकता होती है प्रभावित

वहीं, एक अन्य मामले में पंजाब एंव हरियाणा हाई कोर्ट ने न्यायिक नोट लिया था कि शराब, ड्रग्स और गन कल्चर को बढ़ावा देने वाली सामग्री बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित करती है। जिससे उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है। साथ ही बताया जा रहा है कि, ऐसी सामग्री आकाशवाणी कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन करती है और केंद्र को अनुमति के निलंबन और प्रसारण पर रोक लगाने के लिए प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

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