Rabi Crops: आंधी-वर्षा से रबी फसलों के नुकसान की केंद्र ने मांगी रिपोर्ट, राज्य सरकारें करा रही नुकसान का आकलन
पिछले चार दिनों से असमय वर्षा और आंधी से रबी फसलों की व्यापक क्षति हुई है। सबसे ज्यादा असर गेहूं की खड़ी फसलों पर पड़ा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार गेहूं एवं सरसों के अतिरिक्त अन्य फसलों को अभी तक अधिक नुकसान नहीं हुआ है। File Photo
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले चार दिनों से असमय वर्षा और आंधी से रबी फसलों की व्यापक क्षति हुई है। सबसे ज्यादा असर गेहूं की खड़ी फसलों पर पड़ा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार गेहूं एवं सरसों के अतिरिक्त अन्य फसलों को अभी तक अधिक नुकसान नहीं हुआ है। कई राज्यों से गेहूं की खड़ी फसलों की क्षति की सूचनाएं आ रही हैं।
केंद्र ने राज्य सरकार को दिया निर्देश
केंद्र सरकार ने राज्यों को नुकसान का आकलन कराने का निर्देश दिया है, ताकि किसानों को सहायता पहुंचाई जा सके। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, आंधी-वर्षा से प्रभावित राज्य सरकारें अपने स्तर से फसलों के नुकसान का आकलन कर रही हैं। केंद्र को अभी किसी राज्य की तरफ से रिपोर्ट नहीं मिली है।
किसानों को जल्दी मदद देने की कोशिश तेज
राज्यों से कहा गया है कि किसानों को शीघ्र मदद देने के लिए राज्य सरकारें राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग कर सकती हैं। राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार की ओर से भी राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से अधिक पैसे दिए जा सकते हैं। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं राजस्थान में गेहूं की सबसे ज्यादा उपज होती है। वर्षा भी इन्हीं राज्यों में अधिक हो रही है। मौसम विभाग ने अभी तीन दिन और वर्षा और आंधी की चेतावनी दी है।
फसलों को अभी नहीं काटने का सुझाव
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे खड़ी फसलों की कटनी अभी नहीं की जाए। कृषि मंत्रालय को इस बार गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। इस खरीफ मौसम में 343.2 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। मंत्रालय ने अपने दूसरे अनुमान में देश भर में कुल 11.22 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन का आकलन किया है। अभी तक अनुमान के अनुसार सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन बेमौसम आंधी-वर्षा से अनुमान को झटका लग सकता है।
फसल उत्पादन में हो सकती है कमी
माना जा रहा है कि तीसरे आकलन में लक्ष्य में एक सीमा तक गिरावट आ सकती है। पंजाब-हरियाणा एवं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गेहूं की अगेती फसल होती है, जहां अभी कटनी का समय है, लेकिन बिहार-झारखंड एवं बंगाल जैसे कुछ राज्यों में गेहूं की पिछैती फसल लगाई जाती है, जो अभी खेतों में खड़ी है। मौसम विभाग ने 23 और 24 मार्च को भी गेहूं उत्पादक कई राज्यों में तेज हवाएं और ओलावृष्टि की चेतावनी दी है।