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Census: पहली बार डिजिटल होगी जनगणना, जाति, शौचालय, स्मार्टफोन, लैपटाप और कार समेत पूछे जाएंगे 31 सवाल

जनगणना का घरों को सूचीबद्ध करने का चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की कवायद पूरे देश में एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक चलनी थी लेकिन इन्हें कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Mon, 29 May 2023 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 May 2023 06:00 AM (IST)
Census: पहली बार डिजिटल होगी जनगणना, जाति, शौचालय, स्मार्टफोन, लैपटाप और कार समेत पूछे जाएंगे 31 सवाल
Census: पहली बार डिजिटल होगी जनगणना, जाति, शौचालय, स्मार्टफोन, लैपटाप और कार समेत पूछे जाएंगे 31 सवाल

नई दिल्ली, एजेंसी। कोविड महामारी की वजह से अनिश्चित काल के टाली गई जनगणना के आगामी लोकसभा चुनावों से पहले होने की संभावना नहीं है। लोकसभा चुनाव अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में होने हैं। जनगणना जब भी होगी तो उसमें स्मार्टफोन, इंटरनेट, लैपटाप, कंप्यूटर, कार, दोपहिया वाहन और मुख्य रूप से उपभोग किए जाने वाले अनाज जैसे लगभग 31 प्रश्न पूछे जाएंगे।

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जनगणना का घरों को सूचीबद्ध करने का चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की कवायद पूरे देश में एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक चलनी थी, लेकिन इन्हें कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया था। तब से सरकार ने अभी तक नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। जनवरी में महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने की तिथि अथवा नए जिलों-उपजिलों के सृजन की तिथि 30 जून तक बढ़ा दी थी।

मानकों के मुताबिक, प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने के तीन महीने बाद (30 सितंबर के बाद) ही जनगणना हो सकती है। जनगणना का काम करने वाले लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों और अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के लिए भी दो-तीन महीने चाहिए। इस बीच चुनाव आयोग अगले लोकसभा चुनावों के लिए मतदाता सूचियों में संशोधन जैसी प्रक्रियाएं शुरू कर देगा।

अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर से जनगणना की कवायद के लिए बहुत कम गुंजाइश होगी क्योंकि उन्हीं सरकारी कर्मचारियों और अध्यापकों की महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय और चुनाव आयोग दोनों को जरूरत होगी। इसलिए जनगणना का काम लोकसभा चुनाव के बाद ही कराया जाएगा। जनगणना जब भी होगी, यह पहली डिजिटल जनगणना होगी जिसमें नागरिकों को स्व-गणना का अवसर मिलेगा। जो नागरिक सरकारी कर्मचारी के बजाय खुद जनगणना फार्म भरना चाहते हैं, उनके लिए एनपीआर अनिवार्य है। इसके लिए स्व-गणना पोर्टल डिजाइन किया गया है जिसे लांच किया जाना है। महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, नागरिकों के लिए प्रश्न तैयार कर लिए गए हैं।

जनगणना में पूछे जाएंगे ये सवाल

क्या परिवार के पास टेलीफोन लाइन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन, साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल या मोपेड है?

क्या उसके पास अपनी कार, जीप या वैन है?

परिवार में मुख्य रूप से किसी अनाज का उपभोग होता है? पेयजल और बिजली का मुख्य स्रोत क्या है?

शौचालय है या नहीं, अगर हां तो किस तरह का?

जलनिकासी और स्नान की सुविधा है अथवा नहीं?

रसोई है या नहीं?

भोजन पकाने के लिए मुख्य ईंधन क्या है?

एलपीजी या पीएनजी का कनेक्शन है या नहीं?

रेडियो, ट्रांजिस्टर या टेलीविजन हैं या नहीं?

घर की दीवारों, छत और फर्श में मुख्य रूप से इस्तेमाल सामग्री?

परिवार के सदस्यों की संख्या? घर का मुखिया पुरुष है अथवा महिला?

मुखिया एससी या एसटी का तो नहीं है?

घर में कमरों की संख्या, परिवार में विवाहितों की संख्या इत्यादि।


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