महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन के खिलाफ रंगदारी के आरोपों की सीबीआइ करेगी जांच, देवेंद्र फडणवीस ने की थी सिफारिश
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन पर मारपीट और रंगदारी मांगने के आरोपों की जांच अब सीबीआइ करेगी। ये आरोप जलगांव स्थित एक शिक्षण न्यास के निदेशक ने लगाए हैं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 जुलाई को महाजन के खिलाफ सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र: महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन पर मारपीट और रंगदारी मांगने के आरोपों की जांच अब सीबीआइ करेगी। ये आरोप जलगांव स्थित एक शिक्षण न्यास के निदेशक ने लगाए हैं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 जुलाई को महाजन के खिलाफ सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। राज्य के गृह विभाग की जिम्मेदारी फडणवीस के पास ही है।
सीबीआइ नए सिरे से दर्ज करेगी मामला
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ नए सिरे से मामला दर्ज करेगी। इस मामले में सबसे पहले जलगांव पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पिछले साल पांच जनवरी को जांच पुणे पुलिस ने अपने हाथ में ले ली थी।प्राथमिकी पुणे स्थानांतरित की गई, क्योंकि यह मामला पुणे शहर से जुड़ा था। पुलिस ने इस मामले में महाजन सहित 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
जलगांव जिला मराठा विद्या प्रसारक सहकारी समाज के निदेशक विजय पाटिल ने दिसंबर 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पाटिल ने पुलिस को बताया कि 2018 में वह और उनके सहयोगी अपने बड़े भाई नरेंद्र पाटिल, जो संस्थान के अध्यक्ष थे के निर्देश पर अपने पूर्व सचिव तानाजी भोते से संस्थान के पुराने रिकार्ड लेने के लिए पुणे गए थे। जब वे पुणे में थे, तब एक आरोपित नीलेश भोइते ने पाटिल से कहा कि वह उन्हें संस्थान सौंप दें, क्योंकि महाजन की इसमें रुचि है।
रुपए न लेने पर मारपीट के आरोप
प्राथमिकी के अनुसार, उसने महाजन को वीडियो काल भी की, जिन्होंने पाटिल से कहा कि सभी निदेशक अपना इस्तीफा दे दें और जिम्मेदारी नीलेश भोइटे को सौंप दें। शिकायत के अनुसार, आरोपित ने पाटिल को एक करोड़ रुपये की पेशकश की। जब उन्होंने मना किया तो उन्हें सदाशिव पेट इलाके स्थित फ्लैट में ले जाया गया। वहां उनके सिर पर वार किया गया। महाजन ने इन आरोपों से इन्कार किया है। उन्होंने इसे बदले की राजनीति करार दिया है।