30 फीसद बजट सीबीआइ ने वित्त वर्ष के आखिर में किया खर्च
सीबीआई एक साल के लिए मिले बजट को समय पर खर्च नहीं कर पाई। वित्त वर्ष के अंतिम हिस्से में खर्च की 30 फीसद रकम
नई दिल्ली, प्रेट्र: कार्मिक व पेंशन मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने संसद में रखी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आवंटित बजट का 30 फीसद हिस्सा सीबीआइ ने 2016-17 वित्त वर्ष के आखिरी छह सप्ताह में खर्च किया है।
संसदीय समिति ने एजेंसी को हिदायत दी कि बजट को ठीक से खर्च करने के साथ योजनाओं को उचित तरीके से क्रियान्वित करे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 के लिए एजेंसी को 75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इनसे छह नियोजित योजनाओं को सिरे चढ़ाया जाना था। बाद में बजट को घटाकर 73.21 करोड़ कर दिया गया और अंतिम स्वीकृति के बाद कुल बजट 66.77 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। एजेंसी ने 46.61 करोड़ रुपये 14 फरवरी 2017 तक खर्च कर लिए, जबकि बाकी रकम महज छह सप्ताह में ठिकाने लगा दी। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 99.46 फीसद रकम विभिन्न स्कीमों के तहत खर्च हुई।
प्रवासियों को मिले वोट का अधिकार
कानून व न्याय मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने संसद में रखी अपनी रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की है कि घरेलू प्रवासी लोग अपने वोट का इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए उपाय किए जाने चाहिए। चुनाव आयोग से संसदीय समिति ने कहा कि ये लोग काम की तलाश में यहां से वहां घूमते रहते हैं, लिहाजा ऐसी कोई व्यवस्था होनी चाहिए जिससे ये मतदान कर सकें। समिति ने 2011 की जनगणना व नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रवासियों की तादाद कुल जनसंख्या का 30 फीसद हिस्सा है और इन लोगों को भारत के दूसरे नागरिकों की तरह से मतदान का अधिकार मुहैया कराया जाना चाहिए।