कर्नाटकः कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के करीबियों के यहां सीबीआइ छापे
कर्नाटक में सरकार गठन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार मुश्किल में हैं। गुरुवार तड़के सीबीआइ ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की।
बेंगलुरु, (प्रेट्र)। कर्नाटक में सरकार गठन के लिए शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेसी विधायकों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार मुश्किल में हैं। सीबीआइ ने गुरुवार तड़के दिग्गज कांग्रेस नेता के करीबियों के बेंगलुरु, कनकपुर और रामनगर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। प्रतिबंधित 1000 और 500 रुपये की पुरानी नोट की अदला-बदली करने के आरोप में केंद्रीय जांच एजेंसी ने कांग्रेस नेता के करीबियों के खिलाफ यह कार्रवाई की।
डीके शिवकुमार और उनके सांसद भाई डीके सुरेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआइ ने छापेमारी के रूप में यह बदले की कार्रवाई की है। शिवकुमार का कहना है, 'कुछ लोग अगर सोचते हैं कि वे हमें धमका कर अपने आगे झुकने के लिए मजबूर कर देंगे तो हम किसी भी दबाव के आगे झुकने वाले नहीं है। हर चुनौती हमें मंजूर है।'
जबकि सीबीआइ का आरोप है कि रामनगर स्थित कारपोरेशन बैंक के चीफ मैनेजर बी. प्रकाश ने कुछ अन्य लोगों के साथ सांठगांठ कर 14 नवंबर, 2016 को दस लाख रुपये की प्रतिबंधित नोट को नई करेंसी से बदला था। प्रकाश और अन्य पर अपने इस गैरकानूनी कृत्य को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप है।
केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, 'बेंगलुरु, कनकपुर और रामनगर स्थित पांच ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनमें कांग्रेस सांसद सुरेश के करीबी पद्मनाभैया के बेंगलुरु स्थित आवास, शिवानंद डिप्टी तहसीलदार, कनकपुर के एसडीएम आफिस में मतदाता पहचान पत्र बनाने के इंचार्ज ननजप्पा और तहसीलदार आफिस के इलेक्शन सेल की तलाशी ली गई।'
सीबीआइ के मुताबिक, वोटरों के बगैर अनुरोध के तहसीलदार कार्यालय से 10-11 नवंबर, 2016 को 120 डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए। पद्मनाभैया ने इन पहचान पत्रों को प्रतिबंधित दस लाख रुपये की नोट बदलने के लिए बैंक में जमा किया। जांच एजेंसी का आरोप है कि पद्मनाभैया ने ही बैंक से प्रतिबंधित नोट बदलवाए थे।
इस मामले में सीबीआइ ने प्रकाश, कारपोरेशन बैंक के कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ 7 अप्रैल, 2017 को केस दर्ज किया। सांसद सुरेश का कहना है कि सीबीआइ की विशेष अदालत ने उनके सहित 11 लोगों के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया है, लेकिन उन्हें जांच एजेंसी के आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी सीबीआइ छापेमारी की निंदा की है।