Ishrat case: वंजारा व आमीन की रिहाई को चुनौती नहीं देगी CBI, लिखित में दी जानकारी
राज्य सरकार द्वारा मुकदमे की कार्यवाही की अनुमति नहीं दिए जाने पर CBI कोर्ट ने दो मई को वंजारा और आमीन को रिहा कर दिया था।
अहमदाबाद, प्रेट्र। CBI ने गुरुवार को यहां एक कोर्ट को सूचित किया कि वह इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस आयुक्त डीजी वंजारा और एनके आमीन की रिहाई को चुनौती नहीं देगी। CBI के वकील आरसी कोडेकर ने यह जानकारी CBI के विशेष जज आरके चूड़ावाला को लिखित रूप में दी। इस मामले की अगली सुनवाई नौ अगस्त को होगी।
राज्य सरकार द्वारा मुकदमे की कार्यवाही की अनुमति नहीं दिए जाने पर CBI कोर्ट ने दो मई को वंजारा और आमीन को रिहा कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की धारा 197 के तहत किसी भी सरकारी सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है।
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विधिक सूत्रों ने बताया कि अब बाकी चार आरोपित- जीएल सिंघला, तरुण बारोट, अनाजु चौधरी और जेजी परमार रिहाई की मांग करते हुए CBI कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। IPS अधिकारी सिंघला फिलहाल गांधीनगर स्थित कमांडो प्रशिक्षण केंद्र में आइजी हैं। राज्य आरक्षित पुलिस के कमांडो चौधरी भी इस समय सेवारत हैं, जबकि बारोट और परमार सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वंजारा और आमीन से भी पहले कोर्ट ने पूर्व आइपीएस अधिकारी पीपी पांडे को रिहा कर दिया था।
CBI ने बताया था फर्जी मुठभेड़
15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस ने मुंबई के करीब स्थित मुंब्रा निवासी इशरत जहां (19), जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लई, अमजदअली अकबरअली राणा और जीशान जौहर को मार गिराया था। पुलिस का दावा था कि सभी आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री व मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे। हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच कर रही CBI ने मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था।