अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में त्यागी पर चार्जशीट
आरोपपत्र में लगभग 3600 करोड़ रुपये में 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 470 करोड़ रुपये की दलाली दिए जाने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में पूर्व वायु सेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर कानून का शिकंजा कस गया है। एसपी त्यागी, उनके भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी और वकील गौतम खेतान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ सीबीआइ ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। आरोपपत्र में लगभग 3600 करोड़ रुपये में 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 470 करोड़ रुपये की दलाली दिए जाने का आरोप लगाया है।
सीबीआइ का कहना है कि वायु सेनाध्यक्ष के रूप में एसपी त्यागी ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआइपी के लिए हेलीकॉप्टर खरीद के सौदे को अंतिम रूप देने में अहम भूमिका निभाई थी। इनमें हेलीकॉप्टर की उड़ान को 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर करना शामिल है, जिस कारण अगस्ता वेस्टलैंड को यह सौदा मिला। इस दौरान उनका भाई जूली त्यागी विदेशी दलालों गुइडो हस्के और क्रिश्चियन मिशेल के साथ संपर्क में था। वहीं गौतम खेतान ने दलाली की रकम हासिल कर उसे संबंधित लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में दलाली दिए जाने का इटली में खुलासा हुआ था। इस आरोप में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और दलालों को वहां गिरफ्तार किया गया था। 2013 में इस खुलासे के बाद सीबीआइ ने भी एफआइआर दर्ज की थी। लेकिन, पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद पिछले साल एसपी त्यागी को नौ दिसंबर को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपपत्र में देरी पर सफाई देते हुए सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दलाली की रकम को आठ देशों में घुमाते हुए भारत लाया गया था। इन सभी देशों को अनुरोध पत्र भेजकर दलाली के सुबूत मांगे गए थे। काफी कोशिशों के बाद इनमें अधिकतर देशों से जवाब आ गया है। कुछ देशों का जवाब आना अभी बाकी है। अदालत में दलाली साबित करने के लिए सुबूत जुटा लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने का फैसला किया गया। आगे सुबूत जुटाने का काम अभी जारी है। नए सुबूत मिलने पर आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।
आरोपपत्र के मुताबिक, गुइडो हस्के और क्रिश्चियन मिशेल के मार्फत दलाली की रकम दो भागों में दी गई थी। हस्के के मार्फत दी गई दलाली की रकम भारत में आने और संबंधित लोगों के बीच बांटे जाने के सुबूत मिल चुके हैं। मिशेल के मार्फत जो दलाली दी गई थी, उसके दुबई तक पहुंचने के ही सुबूत मिल पाए हैं। सीबीआइ इसके बारे में पुख्ता जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।
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