Bribery Case : CBI ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी को 1 करोड़ की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, 20 स्थानों पर छापेमारी
सीबीआइ ने एक करोड़ के रिश्वत मामले में रविवार को रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया है। पांच राज्यों में 20 स्थानों पर तलाशी ली। रिश्वत के मामले में एक्शन के तहत सीबीआइ ने रेलवे के सीनियर अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान को पकड़ा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ ने रविवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) महेंद्र सिंह चौहान को एक करोड़ रुपये की रिश्वत स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। चौहान के अलावा उसके दो सहयोगियों को भी इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। चौहान पर एक निजी कंपनी को ठेका दिलाने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है। इसके साथ ही सीबीआइ ने विभिन्न राज्यों में 21 स्थानों पर छापेमारी भी की है।
सीबीआइ ने रिश्वत की रकम लेते हुए दो सहयोगियों को भी दबोचा
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेल अभियांत्रिकी सेवा (आइआरईएस) के 1985 बैच के अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान को गुवाहाटी के मालीगांव में गिरफ्तार किया गया। उसके दो अन्य सहयोगियों को देहरादून में रिश्वत की रकम लेते समय गिरफ्तार किया गया। चौहान के दोनों सहयोगी उसके निर्देश पर रिश्वत ले रहे थे। कहा जा रहा है कि चौहान ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं में ठेका दिलाने के लिए एक निजी कंपनी से रिश्वत मांगी थी। उसने रिश्वत की रकम देहरादून स्थित अपने घर पर देने को कहा था।
लवे परियोजनाओं में ठेका दिलाने के लिए निजी कंपनी से मांगी थी घूस
चौहान और उसके दो अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ की टीम ने दिल्ली, उत्तराखंड, सिक्किम, असम और अन्य राज्यों में 21 स्थानों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने रिश्वत की रकम और ठेके से जुड़े दस्तावेज बरामद कर लिए हैं।
घूसखोरी में दो सीबीआइ अधिकारी निलंबित, दो पर कार्रवाई की अनुशंसा
उधर, करीब 4,300 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में जांच से संबंधित जानकारियां साझा करने और जांच प्रभावित करने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने पर सीबीआइ ने अपने इंस्पेक्टर कपिल धनकड़ और स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। दो दिन पहले ही जांच एजेंसी ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सीबीआइ ने इस मामले में अपने डीएसपी आरके ऋषि और आरके सांगवान के खिलाफ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की है। कपिल धनकड़ भारतीय स्टेट बैंक में मैनेजर थे और प्रतिनियुक्ति पर इंस्पेक्टर के तौर पर सीबीआइ में आए थे। एजेंसी ने उन पर कई मामलों की जांच प्रभावित करने और दोनों आरोपित डीएसपी को अहम जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।